वाटर स्टूवर्डशिप प्रोग्राम : क़सम पानी को बचाने की!

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Photo Courtesy : The Hindu

Gohar Asif for BeyondHeadlines

हमारे देश भारत में भी पानी की समस्या अपने चरम है. धड़ल्ले से खुलेआम इसकी बर्बादी हो रही है. चौंकाने वाली बात तो यह है कि लोग इसकी अहमियत के बारे में जानते हुए भी अंजान बने हुए हैं और इसकी बर्बादी कर रहे हैं.

हमें यह समझना होगा और समझाना होगा कि क़ुदरत ने हमें कई अनमोल तोहफ़ों से नवाज़ा है, उसमें से पानी भी एक है. इसलिए हमें इसे सहेज कर रखना है.

पानी की कमी को वही लोग समझ सकते हैं, जो इसकी कमी से दो-चार हैं. हम खाने के बगैर दो-तीन दिन ज़िंदा रह सकते हैं, मगर पानी के बगैर ज़िंदगी की पटरी का आगे बढ़ना तक़रीबन नामुमकिन सा लगता है.

पानी लोगों की दैनिक जीवन की आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ उनको आजीविका जुटाने में भी एक अहम किरदार अदा करता है. खेती-बाड़ी से लेकर विभिन्न प्रकार के छोटे-बड़े उद्योगों में, लोगों की रोज़ी-रोटी पानी से ही जुड़ी है.

खासतौर से आय के साधन जुटाने में मनुष्य पानी का अंधाधुंध इस्तेमाल कर रहा है. हमें भविष्य की चिंता बिल्कुल नहीं हैं और न ही हम करना चाहते हैं. अगर विकास की अंधाधुंध दौड़ में मनुष्य इसी तरह शामिल रहा तो हमारी आने वाली पीढ़ी कुदरत के अनमोल तोहफे पानी से वंचित रह सकती है.

विश्व में जल का संकट व्याप्त है. आज हर क्षेत्र में विकास हो रहा है. दुनिया औद्योगिकरण की राह पर चल रही है, किंतु स्वच्छ और रोग-रहित जल मिल पाना मुश्किल हो रहा है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ज़रिए 29 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों में किए गए मूल्यांकन में 445 नदियों में से  275 नदियां प्रदूषित पाई गईं.

विश्व भर में साफ़ पानी की अनुपलब्धता के चलते ही जल-जनित रोग महामारी का रूप ले रही है. इंसान जल की महत्वता को लगातार भूलता गया और उसे बर्बाद करता रहा, जिसके फलस्वरूप आज जल का संकट सबके सामने है. जलवायु परिवर्तन के रहते पानी और पानी से संबंधित समस्याओं का और तीव्र होने का अनुमान है.

इन्हीं सब समस्याओं से निजात दिलाने के लिए एनडब्ल्यूएम-टीआईएसएस वाटर प्रोजेक्ट जारी है, जो टीआईएसएस वाटर स्टूवर्डशिप प्रोग्राम की एक छोटी सी पहल है. जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय जल मिशन के द्वितीय लक्ष्य जल संरक्षण, संवर्धन और संरक्षण के लिए नागरिक और राज्य कार्रवाई की पदोन्नति का परिचालन करना है.

यह प्रोजेक्ट नदी बेसिन स्तर पर जल प्रबंधन के लिए एक समावेशी और निष्पक्ष आधारित मॉडल की कल्पना करती है, जहां स्थानीय लोग, विभिन्न कार्यकर्ता और संस्थाएं, सक्रिय रूप से जल के संरक्षण, संवर्धन और इसके सही प्रयोग से पारिस्थितिक तंत्र और मनुष्य के बीच एक संतुलन बनाने के लिए लगे हुए हैं.

यह परियोजना ‘‘जल संरक्षण, जल के दुरुप़योग को कम करने तथा विभिन्न राज्यों में इसका समान वितरण सुनिश्चित करके जल संसाधनों के एकीकृत प्रबंधन के लक्ष्य को प्राप्त करने’’ की राह पर गामज़न है.

वास्तव में एनडब्ल्यूएम-टीआईएसएस वाटर प्रोजेक्ट घरेलू, औद्योगिक और कृषि क्षेत्र में पानी के उचित प्रबंधन, उपयोग और समानता को सुनिश्चित करने का एक अथक प्रयास है.

इस कार्य को सार्थक करने के लिए हर किसी क्षेत्र से लोगों का जुड़ना अनिवार्य है. इसलिए टीआईएसएस अपने वाटर स्टूवर्डशिप प्रोग्राम के तहत एक मंच त्।प्छ (रिवर बेसिन एक्शन इंडिया नेटवर्क ) का गठन कर रहा है.

इस मंच का मुख्य उद्देश्य सभी में पानी के प्रति जि़म्मेदारी से काम करने की क्षमता का एहसास कराकर उन्हें पानी के क्षेत्र में सकारात्मक परिणाम लाने के लिए प्रेरित और कार्यरत करना है.

इस बारे में टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान के डायरेक्टर डा. पराशुरमन कहते हैं कि –वाटर  स्टूवर्डशिप सिद्धांत के ज़रिए ही हम लोगों में पानी के संरक्षण और संवार्धन की भावना का विकास कर सकते हैं और इसके लिए नदी बेसिन स्तर पर जल प्रबंधन के लिए एक समावेशी और निष्पक्ष आधारित मॉडल तैयार करने की ज़रूरत है.

तो आईए आज विश्व जल दिवस के मौके पर टीआईएसएस वाटर स्टूवर्डशिप प्रोग्राम के तहत इस बात का संकल्प लेते कि हम सब मिलकर पानी को बचाएंगे ताकि हम अपनी आने वाली पीढ़ी को, कुदरत का अनमोल तोहफा सौगात के रूप में दे सकें. इस खास दिन के मौके पर इस कविता के माध्यम से पानी को बचाने की कसम लेते हैं –

क़सम पानी की, बचाकर रहूंगा मैं तुझको,

नहीं होगी नाइंसाफ़ी तेरे साथ

तेरी अहमियत मैं जानता हूं

नहीं आगे बढ़ पाएगी जिंदगी तेरे बिना

नहीं जि़दा रह पाएंगे जन, जंगल, ज़मीन, और जानवर तेरे बिना

नहीं हो पाएगी खेती तेरे बिना

तेरी अहमियत मैं जानता हूं

तुझ एक ही था, एक ही है और एक ही रहेगा

जिससे जुड़ा है जिंदगी का सपना

क़सम पानी की, बचाकर रहूंगा मैं तुझको

तेरी जिंदगी से ही लोगों की जिंदगी है

तू नहीं तो जिंदगी नहीं

तेरी अहमियत मैं जानता हूं

क़सम पानी की, बचाकर रहूंगा मैं तुझको

(गौहर आसिफ़ एनडब्ल्यूएम-टीआईएसएस जल परियोजना के सीनियर प्रोजैक्ट ऑफिसर हैं. उनसे 9990663512 पर सम्पर्क किया जा सकता है.)

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