BeyondHeadlines News Desk
लखनऊ : गोरखपुर में गगहा थाना क्षेत्र में पुलिस द्वारा दलितों के ऊपर गोलीबारी की घटना सामने आई है. इस घटना की उत्तर प्रदेश की सामाजिक व राजनीतिक संगठन रिहाई मंच कड़ी निन्दा की है.
रिहाई ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि, योगी सरकार में उत्तर प्रदेश की पुलिस रणवीर सेना की भूमिका निभा रही है, जिसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मंच ने तत्काल दोषी पुलिस-कर्मियों के ऊपर कार्यवाही की मांग की है.
रिहाई मंच लखनऊ प्रवक्ता अनिल यादव ने जारी प्रेस नोट में बताया कि गोरखपुर के गगहा थाना क्षेत्र के अस्थौला गाँव में 14 मई पूर्व ग्राम प्रधान बिरेन्द्र चन्द्र सिंह दलित बस्ती में अवैध निर्माण करा रहे थे, जिसका दलितों ने विरोध किया. मौक़े पर उपस्थित पुलिस-कर्मियों ने दलितों को 15 मई को गगहा थाने पर सुलह के लिए बुलाया. 15 मई को जब दलित समाज के लोग थाने पर गए तो थानाध्यक्ष सुनील सिंह की सह पर दलितों को बिरेन्द्र सिंह लाठी से थाने में ही पीटने लगा. आसपास से जैसे ही इस घटना को सुनकर लोग इकठ्ठा हुए कि पुलिस ने गोलियां चलानी शुरू कर दी, जिसमें तीन लोग— जीतू (उम्र 70 साल), दीपक (उम्र 12 साल) और राहुल (उम्र 18 साल) गंभीर रूप से घायल हैं और क़रीब 10 लोगों को पुलिस गिरफ्तार की है.
वहीं एक ख़बर के मुताबिक़ आज 16 मई को दलित बस्ती में भारी पैमाने पर पुलिस जाकर महिलाओं और बच्चों को मारापीटा, तोड़फोड़ की है और फिर दर्जनों लोगों को उठा ले गई है.
अनिल यादव ने कहा कि, यह सब सत्ता संरक्षण में हो रहा है. उत्तर प्रदेश की पुलिस कुख्यात रणवीर सेना की भूमिका निभा रही है. गगहा के थानाध्यक्ष सुनील सिंह और प्रधान बिरेन्द्र चन्द्र सिंह जैसों को पता है कि योगी आदित्यनाथ उनकी जाति के हैं और उन पर कोई कार्यवाही नहीं होगी.
उन्होंने कहा कि 20 मई को गोरखपुर तारामंडल सत्यम लॉन में होने वाले सम्मलेन गगहा में दलितों के ऊपर पुलिसिया गोलीबारी का सवाल उठाया जाएगा. रिहाई मंच का जाँच दल जल्द ही गगहा थाना क्षेत्र के अस्थौना गांव का दौरा करेगा.