भोला राम हर हाल में मेरे साथ खड़ा रहा…

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BeyondHeadlines Editorial Desk

तौसीफ़ अहमद ने #BeyondHeadlines की ख़ास पहल #2Gether4India में भाग लेते हुए अपने सबसे ख़ास दोस्त भोला राम उर्फ़ सुमित कुमार के बारे में बताया कि आख़िर उनकी दोस्ती की ख़ास बात क्या है.

तौसीफ़ मानते हैं कि एक तरह की मदद तो हज़ारों लोग कर देते हैं, लेकिन हर हाल में जो आपके साथ खड़ा रहे असल में वही सच्चा दोस्त होता है.

तौसीफ़ मानते हैं कि हर इंसान दूसरे धर्म, जाति और वर्ग को लेकर कुछ धारणाओं को मन में रखता है जिसके कारण खुद से अलग विचारों से डरता है, लेकिन अगर हम किसी से बात करके देखें तो ही पता चलता है कि हमारी धारणाएं कितनी ग़लत थीं. बातचीत से ही ग़लतफ़हमी दूर होती है और सभी दुर्विचार धुआं हो जाते हैं.

तौसीफ़ अपने दोस्त भोला राम को याद करते हुए कहते हैं कि अगर वो ये सोच लेता कि तौसीफ़ एक मुसलमान है और वो मेरा दोस्त नहीं हो सकता तो आज हम दोनों इतने गहरे दोस्त नहीं होते. मैंने और ना ही भोला ने अपनी धार्मिक पहचान को हमारी दोस्ती के बीच कभी आने दिया.

तौसीफ़ अहमद ये भी कहते हैं कि दोस्ती के लिए विचार मिलना ज़रूरी नहीं है बल्कि दूसरों के विचारों को जगह देना ज़्यादा ज़रूरी है. ‘हमारी दोस्ती की भी यही कहानी है. हम दोनों ने एक दूसरे के विचारों को जगह दी. उससे मेरी इतनी गहरी दोस्ती का राज़ ही यही है कि उसके विचार मुझसे और सभी से बिल्कुल अलग थे.’

तौसीफ़ अहमद की पूरी बातचीत आप नीचे वीडियो में देख व सुन सकते हैं —

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