BeyondHeadlinesBeyondHeadlines
  • Home
  • India
    • Economy
    • Politics
    • Society
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
    • Edit
    • Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Reading: किशनगंज : बदहाल इलाक़े के करोड़पति उम्मीदवार…
Share
Font ResizerAa
BeyondHeadlinesBeyondHeadlines
Font ResizerAa
  • Home
  • India
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Search
  • Home
  • India
    • Economy
    • Politics
    • Society
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
    • Edit
    • Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Follow US
BeyondHeadlines > Election 2019 > किशनगंज : बदहाल इलाक़े के करोड़पति उम्मीदवार…
Election 2019IndiaLeadYoung Indianबियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी

किशनगंज : बदहाल इलाक़े के करोड़पति उम्मीदवार…

Beyond Headlines
Beyond Headlines Published April 16, 2019 1 View
Share
6 Min Read
SHARE

Afroz Alam Sahil, BeyondHeadlines

‘किशनगंज लोकसभा सीट’ शायद बिहार की सबसे दिलचस्प सीटों में से एक है. यहां से अब तक जिसने भी चुनाव लड़ने का साहस किया है, उसे यहां के लोगों के जज़्बात से खेलना बख़ूबी आता है. मुद्दों के नाम पर सिर्फ़ जज़्बात को उभारने वाले मुद्दे ही होते हैं. यह अलग बात है कि चुनाव जीतने के बाद सांसद सारे जज़्बातों को भूल जाते हैं.

मगर जज़्बात की इस राजनीत का एक बेहद दिलचस्प पहलू यह है कि यहां से जीतने वाले के साथ-साथ चुनाव लड़ने वालों की आमदनी व मिल्कियत दिन-दुनी, रात चौगुनी रफ़्तार से बढ़ती रही. यह अलग बात है कि किशनगंज आज भी अपनी बदहाली की दास्तान बयां कर रहा है, मगर यहां के रहनुमा चुनाव दर चुनाव अपनी माली हैसियत को मालामाल करते जा रहे हैं. यानी समझौता जज़्बातों से हुआ है, मगर मिल्कियत बढ़ाने से कोई समझौता नहीं.

बताते चलें कि किशनगंज लोकसभा के चुनावी मैदान में इस बार 14 उम्मीदवार अपनी क़िस्मत की आज़माईश कर रहे हैं. वो 14 लोगों के नाम इस प्रकार हैं— (1) अख्तरुल ईमान (ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लेमीन), (2) अलीमुद्दीन अंसारी (आम आदमी पार्टी), (3) डॉ. मो. जावेद (कांग्रेस), (4) सैयद महमूद अशरफ़ (जदयू), (5) इंद्रदेव पासवान (बसपा), (6) जावेद अख्तर (तृणमूल कांग्रेस), (7) प्रदीप कुमार सिंह (शिव सेना), (8) राजेन्द्र पासवान (बहुजन मुक्ति पार्टी), (9) शुकल मुर्मू  (झामुमो), (10) राजेश दूबे (निर्दलीय), (11) अज़ीमुद्दीन (निर्दलीय), (12) असद आलम (निर्दलीय), (13) छोटेलाल महतो (निर्दलीय) और (14)  हसेरुल (निर्दलीय).

लेकिन दिलचस्प बात ये है कि 14 उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने के बावजूद यहां लड़ाई त्रिकोणीय ही नज़र आ रहा है.  

सबसे पहले बात करते हैं यहां के कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. मोहम्मद जावेद की कि कैसे यह जनाब मुसलमानों के पिछड़ेपन की बात करके दिन दुनी रात चौगुनी तरक़्क़ी कर रहे हैं, और इनकी माली हैसियत बढ़ती जा रही है. डॉ. जावेद की माली हैसियत 2005 में 1.15 करोड़ की थी, जो 2010 विधानसभा चुनाव में बढ़कर 1.98 करोड़ हो गई. 2015 विधानसभा चुनाव में 7.85 करोड़  के मालिक थे, लेकिन अब 2019 लोकसभा चुनाव में 9.09 करोड़ से अधिक के मालिक हैं.

वहीं जदयू के उम्मीदवार सैय्यद महमूद अशरफ़ 2009 में जब लोकसभा चुनाव लड़े थे तो उनकी माली हैसियत सिर्फ़ 79.17 लाख की थी, लेकिन वो इस साल 2019 चुनाव में 1.98 करोड़ से अधिक के मालिक हैं.

इन दोनों के मुक़ाबले में ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लेमीन के अख़्तरूल ईमान थोड़े गरीब ज़रूर नज़र आते हैं. इन्होंने जब 2015 में विधानसभा का चुनाव लड़ा था, तब ये 52.87 लाख के मालिक थे, और अब 2019 में 72.62 लाख के मालिक हैं.

तृणमूल कांग्रेस के जावेद अख्तर भी 2.22 करोड़ के मालिक हैं. 

जज़्बात के खेल और माली हालात में हुए चमत्कार के बीच यह सवाल किशनगंज की फ़िज़ाओं में आज भी तैर रही है कि आख़िर कब इस इलाक़े की बदहाली दूर होगी? आख़िर क्यों मुसलमानों के नाम पर सियासत करने वाले किशनगंज के बुनियादी दिक्कतों की कभी बात नहीं करते?

ऐसे अनगिनत सवालों के जवाब न जाने किशनगंज की अवाम कब से मांग रही है, मगर चुनाव की मंडी में सियासत का इतना शोर-गुल है कि इन सवालों का कोई खैर-ख्वाह नहीं…

बता दें कि 1990 में बने ज़िले में 70 फ़ीसद से अधिक वोटर मुसलमान हैं. यानी ये देश में मुस्लिम बहुल लोकसभा सीटों में पहले स्थान पर है. 1985 में यहां उपचुनाव हुए जिसमें जेएनपी के सैय्यद शहाबुद्दीन जीते. 1989 में किशनगंज से कांग्रेस ने पत्रकार एम. जे. अकबर को उतारा और वे जीतकर लोकसभा पहुंचे. 1991 में इस सीट से फिर सैय्यद शहाबुद्दीन जीत गए. 1996 में किशनगंज से जनता दल के मोहम्मद तस्लीमुद्दीन जीते. 1998 में तस्लीमुद्दीन यहां से राजद के टिकट पर जीतकर लोकसभा पहुंचे. 1999 का चुनाव बीजेपी के सैय्यद शाहनवाज़ हुसैन के पाले में रही. लेकिन 2004 में तस्लीमुद्दीन ने शाहनवाज़ हुसैन को हराकर फिर से अपना परचम लहराया. 

यहां पिछले दो बार से कांग्रेस की टिकट पर मौलाना असरार-उल-हक़ क़ासमी सांसद रहे, लेकिन इनका निधन 7 दिसंबर 2018 को हो गया. 2019 आम चुनाव नज़दीक होने के कारण यहां उपचुनाव नहीं कराए गए. यहां के लोगों की इनसे ये शिकायत रही है कि इन्होंने भी इलाक़े की बदहाली की ओर कभी कोई ख़ास ध्यान नहीं दिया. हद तो तब हो गई जब मौलाना ट्रिपल तलाक़ पर संसद में चल रही बहस के दौरान ग़ायब रहे. कहा जाता है कि उन्होंने ऐसा अपनी पार्टी के इशारे पर किया था. यानी मौलाना भी किशनगंज या मुसलमानों के नेता न होकर सिर्फ़ कांग्रेस के ही नेता बने रहे…

TAGGED:Editor's PickKishanganjअख्तरुल ईमान (ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लेमीन)अज़ीमुद्दीन (निर्दलीय)अलीमुद्दीन अंसारी (आम आदमी पार्टी)असद आलम (निर्दलीय)इंद्रदेव पासवान (बसपा)किशनगंज लोकसभाछोटेलाल महतो (निर्दलीय)जावेद अख्तर (तृणमूल कांग्रेस)डॉ. मो. जावेद (कांग्रेस)प्रदीप कुमार सिंह (शिव सेना)राजेन्द्र पासवान (बहुजन मुक्ति पार्टी)राजेश दूबे (निर्दलीय)सैयद महमूद अशरफ़ (जदयू)हसेरुल (निर्दलीय)
Share This Article
Facebook Copy Link Print
What do you think?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
“Gen Z Muslims, Rise Up! Save Waqf from Exploitation & Mismanagement”
India Waqf Facts Young Indian
Waqf at Risk: Why the Better-Off Must Step Up to Stop the Loot of an Invaluable and Sacred Legacy
India Waqf Facts
“PM Modi Pursuing Economic Genocide of Indian Muslims with Waqf (Amendment) Act”
India Waqf Facts
Waqf Under Siege: “Our Leaders Failed Us—Now It’s Time for the Youth to Rise”
India Waqf Facts

You Might Also Like

ExclusiveHaj FactsIndiaYoung Indian

The Truth About Haj and Government Funding: A Manufactured Controversy

June 7, 2025
I WitnessWorldYoung Indian

The Earth Shook in Istanbul — But What If It Had Been Delhi?

May 8, 2025
EducationIndiaYoung Indian

30 Muslim Candidates Selected in UPSC, List is here…

May 8, 2025
Waqf FactsYoung Indian

World Heritage Day Spotlight: Waqf Relics in Delhi Caught in Crossfire

May 10, 2025
Copyright © 2025
  • Campaign
  • Entertainment
  • Events
  • Literature
  • Mango Man
  • Privacy Policy
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?