BeyondHeadlines News Desk
नई दिल्ली : यूनाइटेड अगेंस्ट हेट की ओर से आज दिल्ली प्रेस क्लब में भीड़ हिंसा और नफ़रती हमलों के ख़िलाफ़ एक टोल फ्री नंबर लांच किया गया.
इस लॉन्चिंग कार्यक्रम में देश के जाने माने वकील, सामाजिक कार्यकर्ता, प्रोफ़ेसर्स और वरिष्ठ पत्रकारों ने अपनी बात रखी और इस टोल फ्री हेल्पलाइन सेवा को सराहा.
इस हेल्पलाइन सेवा का परिचय कराते हुए यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के नदीम ख़ान ने कहा कि “भीड़ हमलों, लिंचिंग और नफ़रती हमलों को देखते हुए हम एक टोल फ्री हेल्पलाइन शुरू कर रहे हैं. ये हेल्पलाइन पीड़ितों का पक्ष जानने और उन्हें अदालतों में न्याय दिलाने के लिए शुरू की जा रही है.”
बता दें कि हेल्पलाइन सेंटर का उद्देश्य भीड़ की हिंसा का शिकार लोगों को त्वरित न्याय दिलाने में मदद करना, मीडिया के ज़रिए सही पक्ष की रिपोर्टिंग, डॉक्यूमेंटेशन और न्यायिक मदद की कोशिश करना और इस तरह के हमलों की घटनाओं का दस्तावेज़ तैयार कर उस पर चरणबद्ध आंदोलन की कोशिश करना है.
नदीम ख़ान ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकारों ने ऐसी घटनाओं पर केवल बयानबाज़ी ही की है. सरकार के तमाम दावों के बावजूद भी घटनाएं रुक नहीं रही हैं.
माइनॉरिटी क्रिश्चियन फ़ोरम के अध्यक्ष फ़ादर माइकल विलियम ने कहा कि यह एक अच्छी कोशिश है. ईसाईयों को भी निशाना बनाया गया और देश भर में कई घटनाएं हुईं हैं. इस संविधान को बचाने के लिए सबको सामने आना होगा. प्रेम, भाई-चारे का माहौल बनाकर भारत को आगे बढ़ाना है.
दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर अपूर्वानंद ने कहा हिन्दुस्तान की हक़ीक़त यह है कि हर रोज़ इस तरह की घटनाएं हो रही हैं. मुसलमान, ईसाई और दलितों पर लगातार हिंसा हो रहा है. संसद और मीडिया इस पर बात करे.
प्रोफ़ेसर रतनलाल ने कहा कि रोहित वेमुला से लेकर अब तक घटनाओं में कमी नहीं आ रही है. लगातार लोगों पर हमले हो रहे हैं. इस पर जल्द ही रोक लगनी चाहिए.
डॉक्टर कफ़ील ने आरएसएस को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि यह लोग नफ़रत की बीज बोने का काम कर रहे हैं. योगी-मोदी ने इसी को आगे बढ़ाया है. धर्म के नाम पर लोगों को मारा जाना बहुत निंदनीय है.

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े ने कहा कि मैं एक भारतीय होने के नाते यह समझता हूं कि देश में न्याय को सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है.
रवि नायर ने कहा कि देश मे नफ़रत और हिंसा को ख़त्म करने के लिए सरकारें नाकाम रही हैं.
जमीयत उलेमा हिन्द के मौलाना हकीमुद्दीन ने कहा कि ज़ुल्म के ख़िलाफ़ मज़लूमों के लिए खड़े हुए हैं. ज़ालिम की मदद इस तरह करना है कि उसे ज़ुल्म करने से रोका जाए.
वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश ने कहा कि हिंसा चाहे जिसके साथ भी हो उसे रोकने के लिए सामुहिक प्रयास करने की ज़रूरत है. सबको साथ मिलकर न्याय और शान्ति सुनिश्चित करनी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एहतेशाम हाश्मी ने कहा हेल्पलाइन की ज़रूरत सबसे ज़्यादा ग्रामीण व सुदूर इलाक़ों में है. न्याय को सुनिश्चित कराने के लिए हम लोग हमेशा तैयार रहेंगे.
जमाअत इस्लामी हिन्द के राष्ट्रीय सचिव मलिक मोहतसिम खान ने कहा कि मॉब लिंचिंग और नफ़रती हिंसा की घटनाओं में बढ़ोत्तरी चिंता का विषय है. हमें समाज के मनः स्थिति को बदलने के लिए मिल जुलकर काम करना होगा. जान व माल की हिफ़ात की ज़िम्मेदारी सरकार की है. सरकार को इस सिलसिले में ठोस क़दम उठानी होगी.
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता फ़ुजैल अय्यूबी ने कहा सुप्रीम कोर्ट ने इस पर जो दिशा-निर्देश जारी किया है वो बहुत ही महत्वपूर्ण है. सुप्रीम कोर्ट के गाईडलाइन को अब तक लागू नहीं किया जाना अफ़सोसजनक है.
मौलाना अब्दुर राज़िक़ ने कहा कि प्रधानमंत्री का केवल इस मुद्दे पर बयान दे देना काफ़ी नहीं है, इसकी रोकथाम के लिए ठोस क़दम उठाने की ज़रूरत है.
जेएनयू की प्रोफ़ेसर ग़ज़ाला जमील ने कहा कि मायूसी और ख़ौफ़ के इस माहौल में न्याय सुनिश्चित करने की यह कोशिश सराहनीय है.
कार्यक्रम के अंत में तमाम लोगों के ज़रिए टोल फ्री नंबर 1800-3133-60000 को जारी किया गया.