‘गृह मंत्री बताएं कि दिल्ली हिंसा में घायलों को ले जा रही एंबुलेंस को पुलिस क्यों रोक रही थी?’

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BeyondHeadlines News Desk

नई दिल्ली: ‘युनाइटेड अगेंस्ट हेट’ नामक संस्था ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि उसका पूरा प्रचार तंत्र 23- 26 फ़रवरी के बीच दिल्ली में हुईटार्गेटेड हिंसा’ में हुई क्रूरता के बारे में एक झूठी कहानी गढ़ने में व्यस्त है. साथ ही गृह मंत्री अमित शाह पर कई सवाल खड़े किए हैं.

‘युनाइटेड अगेंस्ट हेट’ ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है, ‘कल सांसद मीनाक्षी लेखी और गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद की बहसों में हमारा नाम लिया गया था. इन्होंने यह आरोप लगाया कि हमारे संगठन की गतिविधियों और हमारे एक कार्यकर्ताउमर खालिद’ के भाषण ने दिल्ली हिंसा को उकसाया. इस संगीन आरोप पर हम सब स्तब्ध हैं.’  

इस संस्था ने कई सवाल भी खड़े किए हैं और कहा है कि, ‘गृह मंत्री ने दिल्ली पुलिस की पक्षपातपूर्ण भूमिका का बचाव किया जो उनकी आज्ञा के अधीन है, और दिल्ली पुलिस की हिंसा में भागीदारी की व्यापक आलोचना हुई है. गृह मंत्री ने यह बताने की कोशिश नहीं की कि पुलिस क्यों एंबुलेंस को रोक रही थी, जबकि वह घायल लोगों को ले जा रही थी, जिसकी वजह से कुछ नागरिकों को आधी रात को उच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाना पड़ा. गृह मंत्री ने 36 घंटे में दंगों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस की सराहना करते रहे, बजाए यह समझाने की कि दंगों को नियंत्रित करने में पुलिस को इतनी देर क्यों लगी. उन्होंने निश्चित रूप से कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर या प्रवेश वर्मा के अभद्र भाषणों की निंदा नहीं की.’

‘युनाइटेड अगेंस्ट हेट’ का कहना है, दिल्ली दंगा के पहले दिन से हम अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं, नागरिकों और संगठनों के साथ हिंसा में फंसे लोगों को बचाने के लिए अंथक प्रयास कर रहे हैं. उन लोगों को राहत पहुंचा रहे हैं, जिनका सब कुछ जल गया है या लूट लिया गया है. इस व्यापक हिंसा में पीड़ित ज़रूरतमंद लोगों तक पहुंच बना रहे हैं. हम यह काम अपने कर्तव्यनिष्ठ नागरिक के रूप में कर रहे हैं, जो वास्तव में सरकार की ज़िम्मेदारी थी.’

उन्होंने अपने प्रेस विज्ञप्ति में यह भी कहा है कि मुस्तफ़ाबाद में हिंदू महिला, जो पहले व्यक्ति थीं जिन्हें हमने बचाया. ऐसे कई लोगों को बचाकर उनकी ज़रूरतों को पूरा करने की कोशिश की गई. ऐसी कई कहानियां हैं, जिस पर हमारी टीम ने काम किया. दिल्ली दंगे की भयाहवता को समझने के लिए गृह मंत्री को उत्तर पूर्वी दिल्ली में जाना होगा और  उन लोगों से बात करनी होगी, जिनके साथ अमानवीय बर्बरता की गई है. लेकिन वह ऐसा कभी नहीं करेंगे.

इस संस्था ने अपने विज्ञप्ति में यह भी बताया है कि बीजेपी सांसदों नेउमर खालिद’ जो हमारे कार्यकर्ताओं में से एक हैं, के एक लंबे भाषण से एक वीडियो क्लिप (42 सेकंड लंबा) का भी उल्लेख किया, जिसे उन्होंने 17 फ़रवरी को महाराष्ट्र के अमरावती में बोला था. उस क्लिप में, वह कहते हैं, “24 फ़रवरी को, जब डोनाल्ड ट्रम्प भारत आएंगे, तो हम बताएंगे कि भारत के प्रधानमंत्री और सरकार देश को विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं; वे महात्मा गांधी के मूल्यों को नष्ट कर रहे हैं; और भारत के लोग शासकों के ख़िलाफ़ लड़ रहे हैं. यदि शासक भारत को विभाजित करना चाहते हैं, तो भारत के लोग देश को एकजुट करने के लिए तैयार हैं. हम सड़कों पर उतरेंगे. क्या आप लोग बाहर आएंगे?” गृह मंत्री और उनके सहयोगियों के अनुसार, महाराष्ट्र में उकसाए गए ये शब्द सात दिनों के बाद दिल्ली में हिंसा भड़काते हैं. बहुत ही चतुराई से उन्होंने उनके भाषण के अन्य हिस्सों को छोड़ दिया है जहां उमर ख़ालिद ने कहा था कि इस संघर्ष में हम केवल दो हथियारों का उपयोग करेंगे, जो महात्मा गांधी की और सत्याग्रह द्वारा दिए गए हैंऔर यह कि हमनफ़रतके ख़िलाफ़प्यारसे लड़ेंगे.

इस संस्था का कहना है कि यूनाइटेड अगेंस्ट हेट की सभी गतिविधियां पब्लिक डोमेन में हैं. हम इस देश में 2017 से काम कर रहे हैं. पिछले 6 सालों में मॉब लिंचिंग के द्वारा 60 से अधिक लोगो ने अपनी जान गंवाई. पीड़ितों के लिए न्याय की लड़ाई में योगदान देने और उनके परिवार के सदस्यों के टूटे हुए जीवन के पुनर्निर्माण के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया.  हमने बिहार, झारखंड, यूपी के सांप्रदायिक दंगा प्रभावित क्षेत्रों में फैक्ट फाइंडिंग की है. हमने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी पुलिस द्वारा एनकाउंटर के ख़िलाफ़ सार्वजनिक न्यायाधिकरणों का आयोजन किया है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमने एनआरसी के ख़िलाफ़ असम में पहली बार तथ्य खोजने का प्रयास किया. हमने देश के विभिन्न समुदायों के बीच प्रेम और बंधुत्व का प्रचार करने के लिए दिवाली और ईद मिलन पर कार्यक्रम किए. कई प्रमुख हस्तियों के साथसाथ कई वर्तमान और पूर्व सांसदों विधायकों ने हमारे कार्यक्रमों में भाग लिया है. हमें स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व और न्याय के लिए संविधान के मूल्यों को बनाए रखने के लिए हमारी गतिविधियों पर गर्व है.

प्रेस विज्ञप्ति में आगे कहा गया है, ‘हां, हम सीएए/एनआरसी/एनपीआर के ख़तरनाक संयोजन के विरोध में भी खड़े हैं और देश को अराजकता और ध्रुवीकरण के प्रयास के रूप में देखते हैं. लेकिन, हमने कभी भी अपने संघर्ष में हिंसा के इस्तेमाल का आह्वान या प्रचार नहीं किया. हमारी लड़ाई भारत के संविधान और राम प्रसाद बिस्मिल और अशफ़ाक़ुल्ला खान के सपनों के भारत के संरक्षण की है. ये झूठे आरोप हमें अपना काम करने से नहीं रोक सकते. हम सभी लोकतांत्रिक वर्गों से अपील करते हैं कि वे डराने की ऐसी राजनीति की निंदा करें.’

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