फिर याद आई इमरजेंसी… सत्ता से दूरी का डर…

M. Alam
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आपातकाल के बहाने बीजेपी ने एक बार फिर कांग्रेस को घेरा है. इसी के साथ आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो चुका है. राजनीति में कामयाबी और नाकामयाबी का मौक़ा रातनीतिक दल ढूंढ ही लेते हैं. 

जब जब 25 जून की तारीख़ आती है, भारतीय राजनीति का काला धब्बा उभर कर सामने आ जाता है. 1975 की वो 25 और 26 जून की काली रात थी जब इस देश में आपातकाल को थोपा गया. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का ये कठोर क़दम अब तक कांग्रेस के गले की फांस बन चुका है. प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह ने इमरजेंसी की याद ताज़ा कर एक बार फिर कांग्रेस को घेरा है. इमरजेंसी के दमनकारी क़दम की कई यादें इतिहास में दर्ज हैं.

इमरजेंसी की पटकथा

साल 1971 में इंदिरा गांधी प्रचंड बहुमत से चुनाव जीतकर सत्ता पर क़ाबिज़ हुई थी. लेकिन इंदिरा की जीत को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी गई. इमरजेंसी की पटकथा 12 जून 1975 को तब लिखी गई जब इलाहाबाद उच्च न्यायालय के जस्टिस जगमोहन लाल सिंहा ने उन्हें चुनाव में सरकारी मशीनरी के दुरूपयोग का दोषी पाया और संसद की सदस्यता को ख़त्म कर दिया और यहां तक कि उन्हें 6 साल तक चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित किया. रायबरेली से चुनाव लड़ने वाली इंदिरा गांधी को कोर्ट की दहलीज़ पर ले जाने वाले यूनाइटेड सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार राज नारायण थे.

सत्ता से दूरी का डर

फ़ैसला आते ही कांगेस के तेवर चढ़ चुके थे. हालांकि एक उमीद लिए 23 जून को वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाई, लेकिन 24 जून को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फ़ैसले पर पूरी तरह से स्टे देने से इंकार कर दिया. हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि वो प्रधानमंत्री के पद पर बनी रह सकती हैं. लेकिन एक सांसद के तौर पर वोट नहीं कर सकती हैं जब तक कि कोई आख़िरी फ़ैसला न आ जाए. ये कांग्रेस के लिए किसी ख़तरे की घंटी से कम नहीं था. फिर क्या था 25 जून 1975 की दरमियानी रात को राष्ट्रपति फ़ख़रूद्दीन अली अहमद के हस्ताक्षर के बाद इमरजेंसी की घोषणा कर दी गई.

नेताओं को भेजा जेल

आपातकाल की घोषणा के साथ ही विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी का सिलसिला शुरू हुआ.

जय प्रकाश नारायण के साथ तब के जनसंघ और मौजूदा दौर के बीजेपी के नेताओं को जेल में डाल दिया गया. जिनमें दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, स्वर्गीय अरूण जेटली, लालकृष्ण आडवाणी के अलावा बीजेपी के दूसरे नेताओं के नाम शामिल हैं.   

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