BeyondHeadlines News Desk
एक तरफ़ सरकार देश में नई दवा नीति लागू करके दवाओं की क़ीमत सस्ती करने की बात कर रही है, वहीं दूसरी तरफ दवाओं की कीमतों में 8 से 10 फीसद वृद्धि करने के प्रस्ताव को राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने स्वीकार कर लिया है.
इंडियन फार्मास्युटिकल आर्गेनाइजेशन द्वारा कैंसर, मधुमेह, रक्तचाप, आर्थराइटिस व दिल-दिमाग संबंधी विकार में इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं की कीमतों में 8 से 10 फीसद वृद्धि करने के प्रस्ताव राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने स्वीकार कर लिया है. यह प्रस्ताव चार जनवरी को भेजा गया था.
अब रोगियों को अगले सप्ताह से संबंधित दवाओं की अतिरिक्त कीमत अदा करनी होगी. जिन बीमारियों की दवाओं की कीमतों में वृद्धि होगी उनमें से स्वास्थ्य विभाग ने फिलहाल 76 दवाओं की कीमतें बढ़ाने की अनुमति दी है.
स्पष्ट रहे कि पिछले साल ही सरकार ने आवश्यक दवाओं की लिस्ट को 74 से बढ़ाकर 348 कर दिया था. इसके साथ ही सरकार ने यह भी दावा किया था कि इससे दवाओं की कीमत में कम से कम 5 से 35 फीसदी की कमी आएगी.