BeyondHeadlines News Desk
बेतिया (बिहार) : पब्लिक हेल्थ को सुधारने के नाम पर बिहार सरकार द्वारा न जाने कितनी योजनाएं चलाई जा रही हैं. लेकिन सुशासन सरकार के सरकारी बाबू इन योजनाओं को लेकर कितने जागरूक हैं, इसका अंदाज़ा नीचे लिखे घटना से लगाया जा सकता है. सच तो यह है कि दूसरों के स्वास्थ बेहतर करने के नाम पर मानसिक तौर पर बीमार रहने वाले यह सरकारी बाबू स्वास्थ से जुड़े सरकार के सभी मंसूबों पर पानी फेरने पर तुले हुए हैं.
BeyondHeadlines को प्राप्त सूचना के मुताबिक पश्चिम चम्पारण ज़िला के सिविल सर्जन कार्यालय में राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार द्वारा प्रदत्त करीब लाखों की पुस्तकें इन दिनों दीमकों की चंगुल में हैं.
स्पष्ट रहे कि राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा प्रदत्त दो महीने तक के बीमार शिशुओं की देखभाल चार्ट नामक पुस्तक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों द्वारा नहीं ले जाने के कारण करीब लाखों रूपये मूल्य के पुस्तक बर्बाद हो रहे हैं.
इन पुस्तकों को ज़िले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और अन्य केन्द्रों में कार्य कर रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा बच्चों की देखभाल रिपोर्ट को भर कर विभाग को सौंपना होता है.
अब इसी घटना से आप अंदाज़ा लगा लीजिए कि सरकार व सरकारी बाबू तमाम स्वास्थ्य योजनाओं को लेकर कितना गंभीर हैं. सच तो यह है कि सरकार और सरकारी बाबुओं की लापरवाही के कारण बिहार में सारी स्वास्थ्य योजनाएं दम तोड़ने के कगार पर हैं.
