Ashutosh Kumar Singh for BeyondHeadlines
देश धीरे-धीरे बीमार होता जा रहा है. भारत में प्रति वर्ष 11 लाख मरीज़ केवल कैंसर के शिकार हो रहे हैं. इस बात का खुलासा देश के स्वास्थ्य मंत्री ने खुद की है.
पिछले दिनों डॉ. हर्षवर्धन ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हेड एंड नेक ऑनकोलॉजी, इंदौर में देश में विकसित नये लिनीयर एक्सेलटर का शुभारंभ करने पहुंचे थे.
यहां पर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार कैंसर रोग में बढ़ोत्तरी को देखते हुए अगले कुछ वर्षों में देश में एडवांस कैंसर इलाज सुविधा वाले 20 नये केन्द्र खोलेगी. केन्द्र मध्य प्रदेश के लिए विशेषज्ञता वाले दो कैंसर देखभाल केन्द्र (टीसीसीसी) के साथ नया राज्य कैंसर संस्थान (एससीआई) खोलेगा.
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि भारत में प्रत्येक वर्ष कैंसर के 11 लाख नये मरीज होते हैं. अभी देश में 2.9 मिलीयन कैंसर के मरीज़ हैं और 6.06 प्रतिशत मरीज मध्य प्रदेश में हैं.
मध्य प्रदेश के लिए तीन केन्द्र होंगे विदिशा जिला अस्पताल, जी.आर. मेडिकल कालेज ग्वालियर तथा नेता जी सुभाष चन्द्र कालेज जबलपुर. विदिशा जिला अस्पताल तथा जी.आर.मेडिकल कालेज, ग्वालियर विशेषज्ञता वाले कैंसर सेंटर (टीसीसीसी) होंगे जबकि नेता जी सुभाष चन्द्र मेडिकल कालेज, जबलपुर नया राज्य कैंसर संस्थान (एससीआई) होगा.
50 बिस्तर वाले प्रत्येक टीसीसीसी सरकारी अस्पताल के हिस्सा होंगे और इनमें मेडिसिन, सर्जरी, स्त्रीरोग, ईएनटी, पैथोलॉजी तथा रेडियोलॉजी विभाग उपकरणों से लैस होंगे. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय प्रत्येक टीसीसीसी को एक बार ही 45 करोड़ रूपये का सहयोग देगा.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बहुत कम समय में देश में 20 राज्य कैंसर संस्थान खोले जाएंगे. एक संस्थान जबलपुर में शामिल होगा. प्रत्येक राज्य कैंसर संस्थान पर 120 करोड़ रूपये की लागत आएगी. इसमें से 75 प्रतिशत राशि केन्द्र वहन करेगा. दीर्घकालिक दृष्टि से पूरे देश में 50 ऐसे संस्थान स्थापित किये जाएंगे.
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि प्रत्येक राज्य कैंसर संस्थान कैंसर रोग के मामले में शीर्ष संस्थान होंगे. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह बढ़ते हुए गैर-संक्रमणकारी रोगों से निपटने की हमारी प्रतिबद्धता के अनुरूप है.
उन्होंने कहा कि सात नवंबर को राष्ट्रीय कैंसर चेतना दिवस के मौके पर सरकार देशव्यापी कैंसर जांच कार्यक्रम आयोजित करेगी.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि तंबाकू सेवन के खिलाफ हमारी सरकार ने व्यापक चेतना अभियान शुरू किया है. अन्य अभियानों की पहचान करनी है. इसके लिए सक्रिय अनुसंधान की आवश्यकता है.
