Himanshu Kumar for BeyondHeadlines
दिल्ली में हुए निर्भया बलात्कार मामले में उस लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ. उसके शरीर में लोहे की राड डाल कर उसका गर्भाशय तक चीर दिया गया. उस लड़की को उसी लहुलहान हालत में चलती बस में से सड़क पर फेंक दिया गया. बाद में उस लड़की की मौत हो गयी.
और एक सुप्रीम कोर्ट का वकील अरुण जेटली इसे ‘एक छोटा सा रेप’ कह रहा है. यह व्यक्ति भारत का रक्षा मंत्री भी है.
मतलब अगर किसी पड़ोसी देश के सिपाही भारत में आकर भारत की किसी महिला के साथ यह सब करेंगे तो यह रक्षा मंत्री बोल देगा कि सेना को इस भारतीय महिला को बचाने की कोई ज़रूरत नहीं है, कोई बात नहीं यह तो ‘छोटा सा रेप’ है.
वैसे अगर इस वकील के सामने इस पीड़ित लड़की के माता पिता जाकर उनकी बेटी का मुक़दमा लड़ने के लिए कहते और इस वकील अरुण जेटली को मुंह मांगी फीस देते तो भी क्या यह वकील अदालत में उस घटना को ‘एक छोटा सा रेप’ बोलता ?
क्या इसीलिए भाजपा राज में पुलिस थाने के भीतर पुलिस अधिकारी द्वारा सोनी सोरी के गुप्तांगों में पत्थर भर दिए गए और किसी भाजपाई नेता को इसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं लगा और भाजपा सरकार ने उस पत्थर भरने वाले पुलिस अधिकारी को राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए चुन लिया?
सुना है ये भाजपा के लोग ‘भारतीय संस्कृति’ और ‘महिलाओं का सम्मान’ जैसी बातें भी बोलते रहते हैं. क्या यही भारतीय संस्कृति है और यही महिलाओं का सम्मान है?