महाबोधि मन्दिर मे उस वट वृक्ष के नीचे आज मोदी जी गया जाकर 12 मिनट मेडिटेशन की मुद्रा मे बैठे हैं , जहां कभी गौतम बुद्ध बैठे थे और ज्ञान हासिल किया था। वे विश्वप्रसिद्ध सत्य , अहिंसा, प्रेम , करुणा और सहिष्णुता जैसे उच्च आदर्श अपनाकर अमर हो गए थे.
सोच रहा हूँ, यदि उन्होंने सच्चे मन से ध्यान लगाया होगा और कुछ ज्ञान अर्जन हो गया होगा , तो वे दिल्ली लौटकर आम आदमी, किसान और देहात के बहुसंख्यक समाज के हित मे बड़ी चमत्कारी घोषणाएं भी कर सकते है .
कुछ घोषणाएं ये हो सकती हैं…
- तेल कंपनियों ने बहुत लूट मचा रखी है. अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार मे 38-39 डॉलर प्रति बैरल तक कम हो जाने के बावज़ूद डीज़ल व पेट्रोल आदि के रेट बहुत ज़्यादा किए हुए हैं. सारी तेल कंपनियों का ऑडिट और सोशल ऑडिट होगा और वो वास्तविक ख़र्चा जोड़कर सिर्फ़ वाज़िब रेट लेंगीं. 5 % से ज़्यादा मार्जिन लेने वाली कंपनियों के मालिकों को जेल भेजा जाएगा और सरकार उनकी सारी संपत्ति को पब्लिक प्रॉपर्टी घोषित कर देगी.
2. युद्ध बिलकुल बकवास चीज़ है. ये लोगों को गुमराह करने के लिए ही कराए जाते हैं. सेना का आधा बजट शिक्षा पर ख़र्च किया जाएगा. पाकिस्तान और बंगलादेश हमारे भाई है. अमरीका अपने हथियार बेचने के चक्कर में हमे बेवकूफ़ बना रहा है और हम बन रहे थे. पेड़ के नीचे बैठकर 05 मिनट बाद ही यह ज्ञान प्राप्त हुआ कि शांति ही बढ़िया रास्ता है. भाई नवाज़ शरीफ़ को फ़ोन कर दो कि भैया ये बोर्डर पर अपने रेंजरो से मना कर दो. अब हमारा मूड नही है.
3. किसान हमारी पहली प्राथमिकता हैं. गन्ने का तुरन्त भुगतान नही देना अन्याय है. एक सप्ताह मे सारा बकाया क्लियर किया जाएगा. घोषित रेट से 20 रुपये जो काटे गए थे, वह भी किसानों को मिलेंगे. आगे से ट्रॉली तुलने के 2 मिनट मे चेक मिल जाया करेगा.
4. किसानों को 1% साधारण ब्याज लोन सुविधा दी जायेगी. भूमि के मूल्य का 90 % वैल्यू के बराबर बैंक क्रेडिट लिमिट बनाएंगे. किसानों से कुछ भी क़ागज़ नही मांगा जायेगा. पशुधन के लिए अलग से 1 % की दर पर पशुधन विकास सहयोग मिलेगा. जिसका बीमा सरकार कराएगी.
5. सभी गावों मे बिजली का बिल प्रति घण्टा सप्लाई के आधार पर आएगा 6 घण्टे से कम बिजली आने पर बिजली बिल आधे रेट पर कैलकुलेट होगा. लेकिन बिजली सुबह 6 बजे से शाम 8 बजे तक आएगी तभी पूरा बिल आएगा. यदि किसान का एक कनेक्शन है तो वह दूसरे किसी भी खेत पर मोटर चला सकता है.
देखते है मोदी जी पर सच्चे मन से मेडिटेशन का क्या प्रभाव पड़ेगा? वे बहुसंखयक समाज की भलाई के लिए क्या क्या नई-नई घोषणाएं करते हैं?
(ये पोस्ट दयानंद चहल के फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल से ली गई है. लेखक दयानंद चहल मूल रूप से उत्तर प्रदेश के किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं और फिलहाल दिल्ली सरकार में वरिष्ठ अधिकारी हैं. आप उनसे फ़ेसबुक पर यहां संपर्क कर सकते हैं. यदि आप भी अपनी फ़ेसबुक पोस्ट की ओर हमारा ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं तो अपनी पोस्ट में Beyond Headlines को टैग करें.)
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