Afshan Khan, BeyondHeadlines
10वीं और 12वीं के रिजल्ट्स आ चुके हैं. कुछ राज्य स्तरीय बोर्ड्स के आने वाले हैं. रिजल्ट वाले इस माहौल में कुछ लोग खुश हैं तो कुछ दुखी और कुछ बहुत दुखी…
सबसे पहले तो ये याद रखिए कि हार जीत ज़िन्दगी का हिस्सा है. हारते भी वही हैं, जो कुछ करने का जज़्बा रखते हैं और मैदान में आगे आकर हिस्सा लेते हैं. वरना जो बुज़दिल होते हैं वो तो आगे बढ़कर कभी भी किसी कम्पटीशन में हिस्सा ही नहीं लेते हैं.
माना कि 10वीं और 12वीं की परीक्षा कोई छोटा-मोटा एग्ज़ाम नहीं है, लेकिन हैं तो ये भी एक कम्पटीशन ही. सबसे अच्छी बात तो ये है कि आपने पढ़ने का निर्णय लिया और आपके घर वालों ने आपको इतना पढ़ाया, वरना ज़रा सोचिए कि हमारे देश में आज भी 30 प्रतिशत लोग नाम तक लिखना नहीं जानते हैं.
अब आते हैं ये इस बात पर कि आख़िर रिजल्ट के तनाव से बाहर कैसे आया जाए…
1. अभी शुरुआत है— शुरुआत में गिरना और संभालना लगा रहता है. ये कभी नहीं भूलना चाहिए कि जो जीतता है, वही सिकंदर होता है. अभी आपने चाहे 10वीं की है या 12वीं. ज़िन्दगी आपको बहुत से मौक़े देगी कुछ कर दिखाने के लिए.
2. नंबर कम आए हैं तो घबराइए मत— ये आपको बचपन से बताया गया होगा कि 10वीं और 12वीं के नंबर हर कोई पूछेगा, लेकिन यक़ीन मानिए मेरे पूरे करियर में किसी ने नहीं पूछा. क्राईटेरिया ज़रूर होता है कि फलां एग्ज़ाम के लिए 50% चाहिए या फलां के लिए 55 फ़ीसद. लेकिन इससे ज़्यादा मत सोचिए.
3. घर में अगर लोग बात न समझें— घर में कई बार ऐसा माहौल बन जाता है कि कैंडिडेट से ज़्यादा घर वाले निराश हो जाते हैं. ऐसे में अगर घरवाले न समझें तो कोशिश कीजिए कि थोड़ा बाहर निकल कर शांत जगह पर जाएं जहां आप खुद को मोटीवेट कर सकें. और खुद से बातें कर सकें.
4. कभी निराशा को सेलिब्रेट करके भगाया है?
हमेशा खुशी में सेलिब्रेट करते हैं. लेकिन क्या कभी दुख में सेलिब्रेट किया है? अगर आपने ऐसा नहीं किया है तो यक़ीन मानिए खुद का हौसला बढ़ाने के लिए खुद को ट्रीट दीजिए. थोड़ा मुस्कुराइए. और खुश रहने की कोशिश मत कीजिए, बल्कि खुश रहिए. ये सोचिए कि आज कुछ नया सीखने को मिला.
5. आगे बढ़ने के लिए कुछ भूलना ज़रूरी है— जो पेपर में लिखना था वो तो आपने अपने मुताबिक़ याद किया ही था, अब अगर ज़रा से भी नंबर कम आए हैं या फेल हो गए हैं तो निराशा में वक़्त गंवाने से अच्छा है कि इसे भूल जाएं और आगे बढ़ें. अब ये सोचिए कि आगे क्या करना है और इसके लिए रणनीति तैयार कीजिए. सोचिए कि आगे में क्या करूं, जिससे पुरानी ग़लती न दोहराऊं.
6. सपने देखना न छोड़ें— एक छोटी सी हार से आपका जीवन नहीं बदला है, लेकिन अब बदल ज़रूर सकता है. वो यूं कि जब आप दृढ़-निश्चय होकर सोचेंगे कि क्या और कैसे करना है तो सब कुछ मुमकिन है.
7. खुद को थोड़ा समय दें— अभी–अभी आपने कुछ सहन किया है, अब थोड़ा संभलने में आपको वक़्त लगता भी है तो लगने दें. अचानक पढ़ने न बैठ जाएं. थोड़ा मूड बदलिए, रहन सहन में तब्दीली लाकर, या जैसे भी आप चाहें तो थोड़ा खुद को टाईम देकर आगे का प्लान ज़रूर बना सकते हैं, लेकिन अभी से ज़्यादा लोड न लें.
8. दूसरों की बात को दिल पर न लें— बहुत बार ऐसा भी होता है कि दूसरे केवल आपका मनोबल कम करने के लिए कुछ न कुछ कहते रहते हैं. चाहे वो दोस्त हों, दोस्तों के पैरेंट्स या फिर आपके रिश्तेदार. अगर कोई हंसकर मिले और रिजल्ट की बात ही न छेड़े तो उससे खुलकर मिलिए. थोड़ा वक़्त दूसरी चीज़ों में लगाइये. और सबसे ज़रूरी बात– बहुत–बहुत मुस्कुराइए.
नोट— अपने विचार कमेंट बॉक्स में ज़रूर लिखें ताकि आपको और टिप्स या ज़रूरी सूचना दी जा सके.
