Afroz Alam Sahil, BeyondHeadlines
नई दिल्ली : ‘कहते हैं कि अगर किसी चीज़ को दिल से चाहो तो पूरी क़ायनात उसे तुमसे मिलाने की कोशिश में लग जाती है.’
शायद यही चाहत व कोशिश जुनैद अहमद की भी थी. पिछले साल ये 352 रैंक लाकर यूपीएससी में कामयाब रहे, लेकिन इन्हें इस रैंक से संतुष्टि नहीं थी, क्योंकि इन्हें सिर्फ़ और सिर्फ़ आईएएस ही बनना था. बस फिर क्या था इन्होंने ठान लिया कि आईएएस बनकर रहुंगा और इस बार इन्होंने ये कारनामा कर दिखाया है. जुनैद अहमद इस बार के टॉपर लिस्ट में हैं. इन्हें तीसरी रैंक आई है.
ऐसी ही कहानी रेना जमील की भी है. 2016 यूपीएससी रिज़ल्ट में 882 रैंक हासिल किया था. लेकिन इन्होंने भी फिर से एग्ज़ाम देने की ठानी. साल 2018 यूपीएससी रिज़ल्ट में इनकी 380वीं रैंक आई है.
2017 में शाहिद अहमद की रैंक 695 थी. लेकिन 2018 यूपीएससी रिज़ल्ट में इन्हें 475वीं रैंक हासिल हुई है.
वहीं 2016 में मोहम्मद सरफ़राज़ आलम की रैंक 1028 थी. लेकिन 2018 यूपीएससी रिज़ल्ट में इन्हें 488वीं रैंक हासिल हुई है.
अली अबुबकर टीटी की 2017 में 622वीं रैंक थी, लेकिन इस बार इनकी ये रैंक 533 है.
जीथिन रहमान को 2017 में 808वीं रैंक आई थी, लेकिन अब इन्हें 2018 में 605वीं रैंक हासिल हुई है.
बता दें कि शुक्रवार को जारी 2018 के यूपीएससी नतीजे में 759 उम्मीदवारों के नाम सरकारी सेवा के लिए भेजे गए हैं. इनमें 30 मुस्लिम नाम भी शामिल हैं. और इन 30 में 6 उम्मीदवार ऐसे हैं, जिनका चयन पिछले साल भी हुआ था. वहीं पिछले साल भी ऐसे उम्मीदवारों की तादाद 9 थी, जिन्होंने एक बार सेलेक्शन होने के बाद भी दुबारा इम्तिहान दिया और कामयाब हुए.
