आरएसएस को मुस्लिम युवाओं को वहाबियत से बचाने की चिंता!

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BeyondHeadlines News Desk

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को इन दिनों मुस्लिम युवाओं की भटकने की चिंता सता रही है.  आरएसएस ने अपने मुखपत्र के एक लेख में कहा गया है कि इस्लामिक स्टेट जैसे चरमपंथी संगठन लगातार फैल रहे हैं और भारत के मुस्लिम युवाओं को इससे दूर रखने के लिए सरकार और मुस्लिम समुदाय, दोनों को क़दम उठाने होंगे.

‘ऑर्गेनाइज़र’ में छपे लेख के मुताबिक़, ये सही है कि भारत के अधिकतर मुसलमान कभी उस तरह कट्टरपंथी नहीं रहे हैं जैसे मध्यपूर्व और हाल के दिनों में यूरोप में देखने को मिला है, लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं कि ‘आतंकवाद एक वैश्विक समस्या’ है.

इस लेख में आईएस और बोको हराम जैसे संगठनों को वहाबियत का बढ़ता हुआ असर बताया है.

ऑर्गेनाइजर के ताज़ा अंक में छपे इस लेख के मुताबिक़, “आईएसआईएस की भर्ती संबंधी कोशिशों से पता चलता है कि दुनिया भर में ऐसे मुस्लिम युवा हैं जो हथियार उठा कर घिनौनी कार्रवाइयों के लिए तैयार हैं.”

“इसलिए ये बहुत ज़रूरी है कि भारत के नीति निर्माता उन संभावित कारणों को ख़त्म करें जो भारत में वहाबियत को बढ़ावा दे सकते हैं.”

ऑर्गेनाइज़र के लेख में इस बात पर भी बल दिया गया है कि सिर्फ़ धार्मिक शिक्षा की बजाय मुसलमानों को आधुनिक शिक्षा भी दी जाए ताकि उन्हें मुख्यधारा में लाया जा सके.

लेख में इसके लिए मुसलमान नेताओं से अपने ‘धार्मिक संकुचित दृष्टिकोण’ से बाहर निकल कर क़दम उठाने को कहा गया है.

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