BeyondHeadlines News Desk
देवबंद (सहारनपुर): दारूल उलूम देवबंद के दारूल इफ़्ता के मुफ़्ती महमूद हसन बुलंदशहरी की लोकसभा चुनाव संपन्न होने पर मुस्लिम समाज से देश में सौहार्द के लिए सामूहिक दुआओं की एक अपील सोशल मीडिया पर तेज़ी के साथ फैल रही है और इस पर तरह-तरह की चर्चाएं भी होने लगी हैं. कई अख़बारें इस अपील में लिखी बातों को ग़लत तरीक़े से पेश करने की भी कोशिश में लगे हैं.
बता दें कि रविवार शाम मुफ़्ती महमूद हसन बुलंदशहरी ने एक लिखित अपील जारी कर मुस्लिम समाज से माह-ए-रमज़ान में देश में अमन-शांति और सौहार्द के लिए दुआ का आह्वान किया है. उनकी ये अपील उर्दू भाषा में है.
एक प्रसिद्ध अख़बार ने ज़बरदस्ती इस अपील को चुनाव से जोड़ते हुए ये इस अपील के हवाले से लिखा है —‘इस जारी अपील में कहा गया है कि पिछले कुछ समय चुनाव का माहौल होने से लोग गफलतों का शिकार हो रहे हैं, जिससे एक-दूसरे से भरोसा समाप्त होने के चलते बहुत से ख़तरे मुल्क के अवाम पर मंडरा रहे हैं, जिससे बचने के लिए हमें रमज़ान माह में सामूहिक रूप से दुआ करनी चाहिए.’

जबकि इस अपील में मुफ़्ती बुलंदशहरी ने चुनाव की वजह से लोग ग़फ़लत का शिकार हुए हैं, ऐसा कोई वाक्य लिखा ही नहीं है. उन्होंने जो लिखा है, वो इस प्रकार है —‘रमज़ान का मुबारक महीना चल रहा है और हमारे सिरों पर मुख़्तलिफ़ फ़ितने और आज़माइशें मंडरा रही हैं और हम में से बहुत से लोग अब भी ग़फ़लत का शिकार हैं, जो इंतहाई ख़तरनाक और अफ़सोसनाक है.’
उन्होंने इस अपील में मुसलमानों से गुज़ारिश की है कि आगामी 23 मई तक अगर मस्जिद में तरावीह के बाद रूक कर अल्लाह से इलेक्शन के बेहतर नतीजे के लिए सामूहिक दुआ करें तो ये बहुत बेहतर होगा और अल्लाह हमारी दुआओं को क़बूल फ़रमाएगा, मालूम नहीं कि किसकी आह अल्लाह की बारगाह में क़बूल होकर मुल्क के हक़ में बेहतरी के फ़ैसले का ज़रिया हो जाए.
मुफ़्ती महमूद हसन बुलंदशहरी ने अपने इस पैग़ाम को ज़्यादा से ज़्यादा आम करने की भी दरख़्वास्त की है.
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