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प्रकाश झा जदयू में शामिल, पश्चिम चम्पारण लोकसभा सीट से लड़ेंगे चुनाव

Afroz Alam Sahil for BeyondHeadlines

आखिरकार फिल्म निर्देशक प्रकाश झा की राजनीतिक इच्छा फिर से जाग ही गई. यह अलग बात है कि फिल्म ‘सत्याग्रह’ रिलीज होने के समय प्रकाश झा लगातार मीडिया के माध्यम से देश की जनता को यह बताते रहे कि अब राजनीति में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है. लेकिन शायद किसी ने ठीक ही कहा है कि राजनीतिक इच्छा इतनी आसानी से नहीं मरती, बल्कि हमेशा अंदर ही अंदर काटती रहती है. शायद यही कारण है कि प्रकाश झा ने नीतिश कुमार का दामन थामते हुए एक बार फिर पश्चिम चम्पारण लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का मन बना लिया है.

आज प्रकाश झा बिहार के पूर्वी चम्पारण ज़िला के सुगौली स्थित छगराहां गांव में आयोजित जदयू के संकल्प रैली में नीतिश कुमार के साथ मंच साझा करते दिखें. उनके मंच पर चढ़ते ही जदयू के टिकट के लिए दिल में तमन्ना रखने वाले कई दिग्गज धीरे-धीरे वहां से निकल लेने में ही अपनी भलाई समझी. क्योंकि नीतिश कुमार पहले से ही पिछली बार चुनाव हार चुके प्रकाश झा को फिर से पश्चिम चम्पारण लोकसभा सीट के उम्मीदवार बनाने की प्लानिंग कर चुके हैं.

हालांकि आधिकारिक तौर पर प्रकाश झा के जदयू में शामिल होने या प्रत्याशी बनाए जाने की घोषणा नहीं हुई. लेकिन यहां की पब्लिक सब जानती है. और प्रकाश झा ने भी मंच से नीतिश कुमार की प्रशंसा करके यह पैग़ाम दे दिया कि वो अब नीतिश व जदयू के साथ हैं. लोक जनशक्ति पार्टी से अब उनका कोई लेना-देना नहीं है. साथ ही इस बात का भी अहसास दिला दिया कि पिछली बार राजसत्ता के खिलाफ थे, पर इस बार वो राजसत्ता के करीब हैं. वहीं सुत्रों के मुताबिक यह तय है कि प्रकाश झा ही पश्चिम चम्पारण लोकसभा सीट के उम्मीदवार होंगे. इनके लिए जदयू कार्यकर्ताओं ने अपनी तैयारी भी शुरू कर दी है.

यही वजह है कि उन्होंने इस संकल्प रैली यहां तक कह डाला कि ‘गंगाजल’ व ‘राजनीति’ बनाने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने ऐसा माहौल बनाया है कि अब उन्हें नई पटकथा नहीं मिल रही है. जबकि यही झा जब पिछली बार चुनाव हार गए तो स्पष्ट तौर पर कहा था कि अब चुनाव हार गया हूं, फिर से फिल्में बनाउंगा.

स्पष्ट रहे कि पिछले चुनाव में वो तकरीबन 50 हज़ार से अधिक वोटों से भाजपा के उम्मीदवार डॉ. संजय जयसवाल से चुनाव हार गए थे. डॉ. जयसवाल ने इस मौके पर चुटकी लेते हुए कहा कि ‘पंचवर्षीय कार्यक्रम के तहत कई लोग आते रहते हैं. जनता इसे बखूबी समझती है. इसका कोई असर नहीं पड़ेगा. वैसे भी नरेंद्र मोदी की आंधी में किसी की भी नहीं चलेगी. यहां तक कि नीतीश कुमार का भी नहीं.’ वहीं राजद के प्रवक्ता राघवेंद्र पाठक कहते हैं कि ‘प्रकाश झा के आने-जाने से जिले की राजनीति में कोई असर पड़ने वाला नहीं है. फिल्म में पटकथा के चरित्र की तरह दल बदलने वाले लोगों को जनता बखूबी जानती है. उन्होंने डूबते नाव की सवारी की है, जो घाट तक नहीं पहुंचेगी.’ हालांकि जदयू के कई नेता भी आज रैली में प्रकाश झा के शामिल होने की खबर से खुश नहीं हैं और अब जदयू से दूरी बनाने में ही अपनी भलाई समझते हैं.

हम आपको बताते चलें कि प्रकाश झा व नीतिश कुमार की दोस्ती काफी पुरानी है. मौर्य चीनी मिल के नाम यहां के गरीब किसानों की ज़मीन हड़पने के काम में नीतिश कुमार ने प्रकाश झा की काफी सहयता की है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जदयू उम्मीदवार बनने के बाद चीनी मिल खुलवाते हैं या फिर से अपने फिल्मी अंदाज़ में यहां के गरीबों को ठगने का काम करेंगे.

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