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अंबानी को तेल-गैस क्षेत्र से बाहर कर, रिलायंस से तेल-गैस कुएं जब्त करे सरकार

BeyondHeadlines News Desk

लखनऊ : गैस मूल्यों में वृद्धि वाले आदेश जिसके बाद गैस आधारित विद्युत उत्पादित करने वाली ईकाइयों का बन्द हो जाना तय है, जिससे बिजली की बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी, को वापस लेने के लिए नागरिक परिषद ने टैम्पो स्टैंड, चारबाग, रविन्द्रालय के सामने हस्ताक्षर अभियान चलाया.

नागरिक परिषद के संयोजक सत्येन्द्र कुमार ने कहा कि सरकार ने जिस तरीके से अंबानी के दबाव में आकर गैस मूल्यों में दोगुना वृद्धि करने का निर्णय लिया है, उससे यह तय है कि उसके बाद गैस आधारित विद्युत ईकाइयां बंद हो जाएंगी. जो ईकाइयां पहले से ही सरकार की सब्सिडी के बदौलत चल रही थीं, उनका अंबानी को मुनाफा पहुंचाने के लिए दोगुना गैस मूल्यों में होने वाली बढ़ोत्तरी के बाद बंद हो जाना तय है, इससे नया बिजली संकट पैदा हो जाएगा.

आंदोलन के समर्थन में आए वरिष्ठ कवि वीएन गौड़ ने कहा कि सरकार की अंबानी को मुनाफा पहुंचाने वाली नीति को हमें किसी भी कीमत पर विफल करना होगा, नहीं तो हमें अंधेरे में जीने की आदत डालनी पड़ेगी. उन्होंने मांग की कि मुनाफे के लिए देश की जनता को संकट में डालने वाले अंबानी की कंपनी रिलायंस से तेल-गैस छीनना होगा, और उसे इस क्षेत्र से बाहर का रास्ता दिखाना होगा. इसके लिए सरकार उसके तेल-गैस के कूएं ज़ब्त करे. नहीं तो नागरिक आंदोलन यह कार्य करेगा.

सामाजिक कार्यकर्ता लता राय और कल्पना पाण्डे ने कहा कि गैस मूल्यों में दोगुना होने वाली वृद्धि उन गरीब तबकों जो कि गैस का कनेक्शन लेने की क्षमता नहीं रखते या फिर वो छात्र जो अपने घरों से दूर रहकर पढ़ाई कर रहे हैं और जिनका भोजन बाजार में मिलने वाले 4 किलो वाले सिलेंडर के भरोसे हैं, उन पर कहर बन कर टूटेगी. जहां सरकार को करना तो यह चाहिए कि ऐसे तबकों को गैस सिलेण्डर के कनेक्शन की सुविधा मुहैया कराई जाए, उसके उल्टे गैस की बढ़ने वाली कीमतों के चलते उनको भोजन के लाले पड़ जाएंगे. आज गैस का बाजार में दाम 100-130 रुपए प्रति किलो से अधिक पर पहले से ही है उसका दाम 200-250 रुपए हो जाएगा.

नागरिक परिषद के रामकृष्ण ने कहा कि अगर गैस का दाम दोगुना होता है तो देश के रासायनिक खाद के कारखानों की लागत मूल्य इतना बढ़ जाएगी कि आयातित रासायनिक खाद देश में निर्मित खाद से सस्ती होगी. देश के खाद कारखाने बंद हो जाएंगे. देश में आयातित खाद की बिक्री बढ़ने से विदेशी पूंजीपतियों को सीधा फायदा होगा. सरकार अंबानी ही नहीं बल्कि विदेशी पूंजीपतियों को हर कीमत पर लाभ पहंचाने के लिए देश की जनता को इस संकट में डाल रही है.

नागरिक परिषद के सदस्य महेश देवा और ज्योति राय ने कहा कि पर्चों और स्टीकर के माध्यम से हम पूरे समाज को आने वाले संभावित खतरे के प्रति आगाह करा रहे हैं. इसके लिए जगह-जगह बैठकें और हस्ताक्षर अभियान के कैंप चलाए जा रहे हैं. सोशल मीडिया के ज़रिए भी जनता को आंदोलन से जोड़ा जा रहा है. गैस मूल्य वृद्धि के खिलाफ चल रहे नागरिक आंदोलन से फेसबुक पर Movement against Gas Price Hike (https://www.facebook.com/pages/Movement-against-Gas-Price-Hike/241775839358386) से जुड़ा जा सकता है.

उन्होंने बताया कि कल 15 मई को टैम्पो स्टैंड मुंशी पुलिया चैराहा इंदिरा नगर पर जनहस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा, आम जनमानस से हमारी गुजारिश है कि अभियान में वो जुड़े.

आज के अभियान में जन संस्कृति मंच महासचिव कौशल किशोर, वरिष्ठ रंगकर्मी व लेखक भगवान स्वरुम कटियार, वरिष्ठ कवि वीएन गौड़, एमके सिंह, अरुणा सिंह, इंडियन नेशनल लीग नेता फहीम सिद्दिकी, केके शुक्ला, ज्योती राय, रीतेश मिश्रा, लता राय, रोहित कुमार, सत्येन्द्र कुमार, महेश देवा, रीता सिंह, अखिलेश सक्सेना, राम कृष्ण, वीरेन्द्र त्रिपाठी और राजीव यादव आदि शामिल रहे.

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