Anurag Bakshi for BeyondHeadlines
कहते हैं इंसान का बिता हुआ कल कभी उसका पीछा नही छोड़ता. कभी न कभी, कहीं न कहीं आढ़े आ ही जाता है. और बंदे को अपना वो बीते हुए दिन… कुछ हसीन खट्टे मीठे गुदगुदे या कड़वे पल… याद दिला ही जाता है…
तोगड़िया जी का ये बयान जो दिया गया जयपुर राजस्थान में और दोबारा चेताया गया इंदौर शिवराज जी के राज से. अब ये भारत के एक गरीब मध्यवर्ग को धमकाया गया है या सीधा केन्द्रीय सरकार को चेतावनी है?
ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा. पर साथ में उनका दो बार आज ये भी दोहराना कि “मीडिया ने इसे सही जगह पहुंचा दिया है”, मन में कई सवाल और शंकाओं को जन्म तो देता ही है कि आखिर वो सही जगह है क्या…?
क्या भारत की वो जनता जो खुद दो वक्त की रोटी के लिए रोज़ कमाती खाती है. उसको ये धमकी देंगे? मेरी समझ तो नहीं आता… वो तो इस आंधी के आगे गाजर मूली हैं जब मन करे तब तबाह कर सकता है. रौंध सकता है. पहले किया है कि नहीं. यह बताने की ज़रूरत नहीं. जब मन करता उखाड़ फेंकता, पर ये मोदी सरकार के लिए चेतावनी ज़रूर लग रही है, क्योंकि आज मोदी जी का विकास मॉडल है –डेवलपमेंट एंड गुड गवर्नेंस, मिनिमम गवर्मेंट, जिसके बाद हिंदुत्व की दुकानदारी को कुछ ख़ास बचा नहीं…
सीधे तो नहीं पर घुमा-फिरा के ही सही पर आज कम से कम बीएचपी के किसी बड़े नेता ने कबूला तो सही कि गुजरात इन्हीं के इशारे पर हुआ था और अभी मुज़फ्फरनगर भी कहीं न कहीं इन्हीं के महान प्रयासों से सफल व सम्पन्न हुआ था.
वैसे तो मोदी सरकार चीन हो, पाकिस्तान हो, ईराक हो या महंगाई, भ्रष्टाचार, महिला उत्पीड़न या किसी भी आम आदमी की आम जिन्दगी की किसी भी समस्या… हर मोर्चे पर फेल ही नज़र आ रही है. अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या ये इन देश को तोड़ने और जलाने वाली ताक़तों पर लगाम लगा पाते हैं या नहीं. चिंता इस बार कुछ इसलिए ज्यादा है क्योंकि आज “राजधर्म का पालन” करने को याद दिलाने वाला भी नहीं… न ऊपर न नीचे और न विपक्ष में!