रिसर्च एजेंसी अर्नेस्ट एंड यंग व भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) की ओर से हाल ही में जारी की गई एक रिपोर्ट बताती है कि देश की बीमार स्वास्थ्य व्यवस्था प्रत्येक साल तीन करोड़ साठ लाख लोगों को गरीब बना रही है.
2008 में किए गए अध्ययन के आधार पर जारी इस रिपोर्ट में जो सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह है कि स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित खर्च के कारण भारत की आबादी का लगभग 3 फीसदी हिस्सा हर साल गरीबी रेखा के नीचे फिसल जाता है. यानी एक ओर जहाँ सरकार गरीबी खत्म करने की बात कर रही है वहीं स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान नहीं देने के कारण देश में गरीबी लगातार बढ़ रही है.
इन गरीबों की क़ीमत पर दवा कम्पनियां लगातार अमीर हो रही हैं. कोरपोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा दवाओं के सम्बन्ध में कराए गए शोध में यह पाया गया कि देश-विदेश की जानी-मानी दवा कंपनियां भारतीय बाज़ार में 203% से 1123% तक मुनाफा कमा रही हैं.
अब सवाल यह उठता है कि इन दवा कम्पनियों को इतना भारी मुनाफा कमाने की छूट आखिर मिली कैसे? तो इसका सीधा सा जवाब है कि दवा कम्पनियां अपनी कमाई का एक हिस्सा हमारी राजनीति पार्टियों को भी भेज रही हैं. यानी आम आदमी की बात करने वाले राहुल गांधी गरीब बीमार लोगों के पैसे से ही अपना करियर चमका रहे हैं. ऐसा ही हाल इमानदारी के नए मापदंड स्थापित करने वाले नितिन गडकरी का भी है. उनकी पार्टी भी दवा कम्पनियों से खूब चंदा वसूल रही है.
BeyondHeadlines को सूचना के अधिकार से मिले दस्तावेज़ के मुताबिक देश के कई दवा कम्पनियां राजनीतिक दलों को चंदा देती हैं, ताकि उनकी मनमानी वो खामोश ही रहे. सिर्फ दवा कम्पनियां ही नहीं, बल्कि डॉक्टर्स और दवा दुकानदार भी दानदाताओं की सूची में शामिल हैं. राजनीतिक दलों को चंदा देने वाली दवा कम्पनियों के कुछ नाम आप नीचे की सूची में देख सकते हैं.
यह तो वो रक़म है जो दवा कम्पनियों ने घोषित तौर पर राजनीतिक दलों को दी है. अब आप खुद ही अंदाज़ा लगा लीजिए कि अपनी मनमानी जारी रखने के लिए दवा कम्पनियां पीछे के दरवाज़े कितना पैसा इन राजनीतिक दलों को पहुंचाती होंगी?
Pharmaceutical Company donate to Congress
Year |
Company Name |
Amount |
2010-11 | Zydas Animal Health Limited | 50 Lakhs |
2009-10 | Hetero Drugs Ltd. | 01 Crore |
2009-10 | Arabindo Pharma Ltd. | 30 Lakhs |
2009-10 | Krishna Pharma Chemicals | 25 Lakhs |
2006-07 | Ranbaxy Laboratories Limited | 40 Lakhs |
2005-06 | Alkem International Ltd. | 01 Lakh |
2004-05 | Ranbaxy Laboratories Limited | 25 Lakhs |
Pharmaceutical Company donate to BJP
Year |
Company Name |
Amount |
2010-11 | Zydas Wellness Limited | 01 Crore |
2010-11 | Apothecin Pharmaceuticals Pvt. Ltd. | 75 Thousand |
2009-10 | Cadila Pharmaceutical Limited | 1 Crore |
2009-10 | Dishman Pharmaceuticals & Chemical Ltd. | 2 Crores |
2009-10 | Avik Pharmaceuticals Ltd. | 50 Thousand |
2009-10 | Paras Pharmaceuticals Pvt. Ltd. | 10 Lakhs |
2009-10 | Win Medicare Pvt. Ltd. | 25 Lakhs |
2009-10 | Piramal Healthcare Ltd. | 1 Lakh |
2008-09 | Dishman Pharmaceuticals & Chemical Ltd. | 1 Crore |
2008-09 | Patanjali Ayurveda Ltd. | 11 Lakhs |
2005-06 | Win Medicare Pvt. Ltd. | 25 Lakhs |
2004-05 | Ranbaxy Laboratories Ltd. | 25 Lakhs |
2004-05 | Paras Pharmaceuticals Pvt. Ltd. | 16 Lakhs |
2004-05 | Dishman Pharmaceuticals & Chemical Ltd. | 4 Lakhs |
2004-05 | Win Medicare Pvt. Ltd. | 25 Lakhs |
Pharmaceutical Company donate to CPI (M)
Year |
Company Name |
Amount |
2009-10 | Hetero Drugs Ltd. | 06 Lakhs |
2004-05 | Genix Pharma Pvt. Ltd. | 75 Thousand |
2004-05 | Diana Medical Services Pvt. Ltd. | 20 Thousand |
Pharmaceutical Company donate to RJD
Year |
Company Name |
Amount |
2009-10 | Win Medicare Pvt. Ltd. | 25 Lakhs |
Pharmaceutical Company donate to Telgu Desam
Year |
Company Name |
Amount |
2009-10 | Aurobindo Pharma Ltd. | 20 Lakhs |
2004-05 |
Ranbaxy Laboratories Ltd.05 Lakhs
इससे संबंधित ख़बरें आप नीचे भी देख सकते हैं:
तो यह रहा दवा कम्पनियों के लूट का सबूत…
दवाइयों की गुणवत्ता की जाँच नहीं के बराबर!
एन.पी.पी.ए दवाइयों के मूल्य कैसे निर्धारित करेगी?
सच में गरीबों को सस्ती दवाइयां मिल पायेंगी!
डॉक्टर और दवा के अभाव में मर गया!!!
सरकार को नहीं पता देश में कितनी हैं दवा कंपनियां
सिपला ने की कैंसर दवाइयों के मूल्यों में 64 प्रतिशत की कटौती
बल्क तथा जेनेरिक दवाओं पर भारी मुनाफा रोकने हेतु पीआईएल
दवा खरीदने जाएं तो इन बातों का ज़रूर ध्यान रखें
दवा दुकानदारों को हड़ताल पर जाने की हठ छोड़ देनी चाहिए
दवाइयों में बोनस का खेल!
डेंगू : हजारों करोड़ खर्च के बाद भी नतीजा ढाक के तीन पात
राष्ट्रीय औषध मूल्य नियंत्रण प्राधिकरण के नाम खुला पत्र
प्रत्येक साल तीन करोड़ साठ लाख लोगों को गरीब बना रही है बीमार स्वास्थ्य सुविधाएं…
एक सच्चे आंदोलनकारी की दर्द भरी दास्तां
‘सबको स्वास्थ्य’ का नारा कब होगा हमारा!
कैंसर-इलाज की कीमत दो लाख, मरे या जिए!
सरकारी केमिस्ट क्यों नहीं हैं?
दवा कंपनियों का खुल्लम खुल्ला डाका
मुनाफ़ाखोर दवा कंपनियां सावधान!
देश को लूट रही हैं सबसे बड़ी दवा कंपनी
देश की मीडिया ध्यान दें…
सरकारी प्राइस कंट्रोल की धज्जियां उड़ा रही हैं दवा कंपनियां
अखिलेश जी आप सुन रहे हैं…
मौत से स्टार जीतते हैं… आम आदमी नहीं
देश में कितनी दवाइयां: सरकार बेख़बर
‘ब्रांड’ के नाम पर मरीज़ों को लूट रही हैं दवा कंपनियां
असली दवाइयों की काली छाया…
दवाओं ने तो लूट लिया है…
ज़िन्दगी की लाइन में भी भ्रष्टाचार…
कंपनियों से पैसे लेकर दवा लिखते हैं डॉक्टर