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6 लाख के मुआवज़ा के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं : खालिद मुजाहिद का परिवार

Umair Anas for BeyondHeadlines

पुलिस हिरासत में मारे गए बम धमाको के आरोपी खालिद मुजाहिद के चाचा मौलाना ज़हीर आलम फलाही ने उन रिपोर्टों के खारिज किया है जिनमें कहा गया था कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने 6 लाख रुपये का मुआवजा देने के लिए उनसे संपर्क किया था. मौलाना ज़हीर फलाही ने यह स्पष्ट कहा है कि नहीं उन्होंने मुआवजा मांगा है और न ही खालिद मुजाहिद को इंसाफ मिलने तक किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता को स्वीकार किया जाएगा.

BeyondHeadlines से बात करते हुए मौलाना ज़हीर फलाही ने खालिद मुजाहिद के परिवार को मुआवजा दिए जाने की ख़बरों और उस पर हो रही राजनीति पर गुस्सा के इज़हार किया. उन्होंने कहा कि मुआवजे के  बारे में उन्हें अखबारों के ज़रिये ही पता चला है. रिपोर्टों में मुख्यमंत्री के हवाले से कहा गया है कि सरकार ने 6 लाख रुपये का मुआवजा देने के लिए खालिद मुजाहिद के परिवार से संपर्क किया है जबकि उनके चाचा मौलाना ज़हीर आलम का कहना है कि उनके परिवार से किसी ने भी किसी भी तरह का संपर्क नहीं किया है.

No Information from Chief Minister Office on Financial Help: Khalid Mujahid’s Family

यही नहीं खालिद मुजाहिद की हत्या के बाद मुख्यमंत्री से मिलने गए प्रतिनिधिमंडल के मुखिया रहे मौलाना फज़लुर्रहमान ने भी मुख्यमंत्री से मुलाकात से पहले खालिद मुजाहिद के परिवार से कोई बात नहीं की थी. BeyondHeadlines से बातचीत में मौलाना फज़लुर्रहमान ने स्वीकार किया है कि उन्होंने मुख्यमंत्री के सामने खालिद मुजाहिद के लिए मांगे रखने से पहले उसके परिवार के किसी सदस्य से बात नहीं की थी.

मौलाना ज़हीर आलम फलाही ने जोर देकर कहा कि उनकी मुख्य मांगें निमेष आयोग की रिपोर्ट को सदन में पेश किया जाना और फर्जी गिरफ्तारी के लिए जिम्मेदार 42 पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी और समयबद्ध सीबीआई जांच है. उन्होंने कहा कि खालिद मुजाहिद की मौत को दस दिन से ज्यादा हो गए हैं और उनकी किसी भी मांग पर सरकार गौर नहीं कर रही है.

जब उनसे पूछा गया कि क्या खालिद मुजाहिद का परिवार भविष्य में मुआवजा स्वीकार कर सकता है तो उन्होंने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता खालिद को इंसाफ दिलवाना है. उन्होंने कहा कि वह दूसरे आरोपी मौलाना तारीक़ कासमी की सुरक्षा को लेकर भी चिंतित हैं और उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाना भी ज़रूरी है. वहीं खालिद के रिश्ते में भाई शाहिद ने बताया कि जौनपुर से समाजवादी पार्टी के विधायक और अखिलेश सरकार में मंत्री पारसनाथ यादव ने उनके परिवार से मुलाकात की. हालांकि मुलाकात के दौरान मुआवजे के बारे में कोई बात नहीं हुई. जब परिवार ने मंत्री से सदन में निमेष आयोग की रिपोर्ट के पेश करने की बात कही तो वह खामोश रहे.

गौरतलब है कि खालिद मुजाहिद के परिवार को 6 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा के बाद से ही इसे लेकर राजनीति हो रही है. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मौलाना फज़लुर्रहमान के साथ आए प्रतिनिधिमंडल से मिलकर 6 लाख रुपये की आर्थिक मदद की घोषणा की थी. लखनऊ की सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने आंतकवादी घटना के आरोपी खालिद मुजाहिद के परिवार को मुआवजा दिए जाने के संबंध में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बैंच में जनहित याचिका भी दायर कर दी है. नूतन ठाकुर ने अपनी याचिका में कहा है कि जब तक खालिद मुजाहिद पर से आतंकवादी घटना में लिप्त होने के आरोप नहीं हट जाते तब तक उनके परिवार को मुआवजा नहीं दिया जाना चाहिए.

पूरे प्रकरण का सबसे रोचक पहलू यह है कि खालिद मुजाहिद का परिवार मुआवजे के बजाए इंसाफ की मांग कर रहा है. मुआवजे की मांग तो मौलाना फजलुर्रहमान ने खालिद मुजाहिद के परिवार से बात किए बिना ही मुख्यमंत्री के सामने रख दी थी.

वहीं BeyondHeadlines से बातचीत में मौलाना फज़लुर्रहमान ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान निमेष आयोग की रिपोर्ट को सदन में रखने जाने का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने रिहाई मंच और सीएम कार्यालय के बीच दलाली कराने के तमाम आरोपों को भी सिरे से नकार दिया. हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि वह रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शोएब को साथ ले जाना चाहते थे. हालांकि मौलाना फज़लुर्रहमान ने यह नहीं बताया कि अखिलेश यादव ने निमेष आयोग की रिपोर्ट को पेश किए जाने के बारे में क्या कहा.

मौलाना फज़लुर्रहमान ने खालिद मुजाहिद की मौत को अभिरक्षा में हुई मौत मानने के बजाए बीमारी से हुई मौत कहते हुए यह भी कहा कि इस मुद्दे पर प्रदर्शन कर लोग मुसलमानों को सपा से दूर कर राजनीतिक फायदा उठाना चाहते हैं. गौरतलब है कि मौलाना फज़लुर्रहमान मुलायम सिंह यादव परिवार के काफी करीबी रहे हैं.

उधर, सोशल मीडिया पर भी खालिद मुजाहिद के परिवार को मुआवज़ा को लेकर बहस जारी है. ऐसे ही एक पेज पर यह सवाल पुछा गया है कि खालिद मुजाहिद के घर वालों को क्या करना चाहिए? क्या उन्हें सरकार द्वारा दिए जा रहे 6 लाख रुपए ले लेने चाहिए? किया उन्हें निमेष कमीशन के मुताबिक और बाराबंकी में दर्ज एफ़आईआर के मुताबिक न्याय की मांग करना चाहिए या फिर उन्हें ख़ामोशी से बैठ जाना चाहिए. आप अपनी राय देने के लिए यहाँ क्लिक कर सकते हैं…
(http://www.facebook.com/pages/I-am-Khalid-Mujahid-and-I-am-innocent/189619601195421)

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