अफ़रोज़ आलम साहिल, BeyondHeadlines
भारत में सड़क हादसों को लेकर पेश किए गए भारत सरकार के आंकड़ों की पोल विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ताज़ा रिपोर्ट —‘ग्लोबल स्टेटस रिपोर्ट ऑन रोड सेफ्टी -2018’ में खुलती नज़र आ रही है.
डब्ल्यूएचओ की मानें तो भारत में सड़क हादसों में मारे गए लोगों की जो संख्या भारत सरकार का सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय पेश करता है, वो आधा-अधूरा है. असल आंकड़ा इसके दोगुना अधिक है.
भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़ें बताते हैं कि साल 2016 में सड़क हादसों में कुल 1 लाख 50 हज़ार 785 जानें गईं, लेकिन डब्ल्यूएचओ की ‘ग्लोबल स्टेटस रिपोर्ट ऑन रोड सेफ्टी -2018’ बताती है कि असल अनुमानित संख्या 2,99,091 है.
शुक्रवार को जेनेवा में डब्ल्यूएचओ की जारी इस रिपोर्ट में 176 देशों के आंकड़ें पेश किए गए हैं. इन 176 देशों में भारत का स्थान पहला है. दूसरे स्थान पर चीन का नाम है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक़ यहां साल 2016 में सड़क हादसों में मरने वालों की अनुमानित संख्या 2,56,180 है.
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट ये बताती है कि पिछले कुछ सालों में पूरी दुनिया में सड़क यातायात दुर्घटनाओं में हुई मृत्यु में लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. हर साल पूरी दुनिया में सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 13.5 लाख लोगों की मौत हो रही है.
बता दें कि भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक़ साल 2017 में कुल 4 लाख 64 हज़ार 910 सड़क हादसों के मामले सामने आए हैं और इनमें 1 लाख 47 हज़ार 913 लोगों की मौत हुई है.
वहीं 2018 में जनवरी से मार्च तक के उपलब्ध आंकड़ें बताते हैं कि इन तीन महीनों में सड़क हादसों के 1 लाख 18 हज़ार 357 मामले सामने आ चुके हैं. इन हादसों में 37 हज़ार 608 लोगों की जान जा चुकी है. 1 लाख 19 हज़ार 413 लोग ज़ख्मी हुए हैं.
ग़ौरतलब रहे कि भारत सरकार ने साल 2020 तक सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या को आधा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है.