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सपा के मुस्लिम सांसद व विधायकों का होगा घेराव…

BeyondHeadlines News Desk

लखनऊ, आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोषों के रिहाई मंच ने कचहरी विस्फोट मामले में हुई गिरफ्तारियों की जांच के लिये गठित आर.डी. निमेष जांच आयोग की रिर्पोट जारी करने पर की जा रही देरी पर प्रदेश सरकार की आलोचना की है. रिहाई मंच के नेता एडवोकेट मो0 शुएब, राजीव यादव और शाहनवाज आलम ने आज जारी बयान में कहा कि एक तरफ तो प्रदेश सरकार अल्पसंख्यक हितों की रक्षक होने का दावा कर कर रही है तो वहीं आतंकवाद के नाम पर फर्जी मामलों में बंद निर्दोंषों को छोडने के अपने चुनावी वादे से भी पीछे हट रही है. जिससे उसकी साम्प्रदायिक जहनियत उजागर होती है.

रिहाई मंच द्वारा मांग की गई थी कि सरकार स्वतंत्रता दिवस तक आतंकवाद के नाम पर बंद निर्दोषों को रिहा करे. लेकिन इस दिशा में बढ़ने के बजाए सपा के नेता व्यक्तिगत स्तर पर पीडि़त परिवारों को लगातार गुमराह कर रहे हैं. ऐसे में रिहाई मंच सपा के मुस्लिम सांसदों और विधायकों को पत्र भेजकर मांग करेगा कि इस दौरान जब संसद सत्र और विधान सभा सत्र चला तो उन लोगों ने क्या बेगुनाह मुस्लिम युवकों की रिहाई का सवाल उठाया अगर नहीं उठाया तो क्यों नहीं? रिहाई मंच के नेताओं ने कहा कि सपा के मुस्लिम सांसद और विधायक आतंकवाद के नाम पर बेगुनाह मुस्लिम युवकों की रिहाई का सवाल संसद और विधान सभा में उठाने की हिम्मत नहीं रखते, क्योंकि समाजवादी पार्टी एक साम्प्रदायिक पार्टी है. रिहाई मंच इस बाबत सपा के मुस्लिम सांसदों और विधायकों के घरों का घेराव करेगा.

रिहाई मंच ने समाजवादी पार्टी पर प्रदेश को दंगों की आग में झोंकने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुये कहा कि मथुरा के कोसी कलां गांव में हुये दंगों का मुख्य अभियुक्क्त सपा का जिला अध्यक्ष था तो वहीं प्रदेश सरकार में मंत्री राजा भैया के लोगों ने प्रतापगढ़ के अस्थान गांव में मुसलमानों के घरों को आग लगा दिया. लेकिन इतना कुछ होने के बावजूद सपा के मुस्लिम विधायक और सांसद चुप्पी साधे रहे.

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