BeyondHeadlines News Desk
आज़मगढ़ के मोहम्मद हबीब जो अहमदाबाद की साबरमती जेल में बंद हैं, के भाई अबू आमिर ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश सरकार को संबोधित ज्ञापन आज रिहाई मंच द्वारा आयोजित अनिश्चित कालीन धरने के माध्यम से दिया.
अबू आमिर ने कहा कि मैंने अखिलेश यादव से 2012 के विधान सभा चुनाव में आज़मगढ़ के सेन्टरवा बाजार में मुलाकात की थी. जहां अखिलेश यादव ने हमसे वादा किया था कि अगर वो सरकार में आते हैं तो उनके भाई की रिहाई के लिए ज़रुर प्रयास करेंगे. लेकिन एक साल बाद जब यूपी सरकार द्वारा कोई प्रयास नहीं किया गया और हमारे भाई समेत आज़मगढ़ के 7-8 बच्चों को सुरंग प्रकरण में फंसा कर अंडा सेल में रखकर गंभीर यातनाएं दी जा रहीं हैं, तब मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से चाहता हूं कि इस मामले में वो हस्तक्षेप करें और जिससे हमारे बेगुनाह लड़कों की रिहाई सुनिश्चित हो सके.
अबू आमिर द्वारा लिखे पत्र को आप नीचे पढ़ सकते हैं…
सेवा में,
श्रीमान अखिलेश यादव
(मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार)
विषय- साबरमती जेल में उत्पीड़न और फर्जी मुकदमें कायम किए जाने के सम्बंध में.
महोदय,
आपने अपने चुनावी घोषणा पत्र में आतंकवादी घटनाओं में फंसाए गए बेकसूर मुस्लिम नौजवानों को रिहा करने का वादा किया था. आज़मगढ़ में चुनाव प्रचार के दौरान समाजवादी पार्टी के युवजन सभा के अध्यक्ष नफीस अहमद के साथ आपसे मेरी मुलाकात हुई थी. मैंने अपने भाई मुहम्मद हबीब और आज़मगढ़ के अन्य मुस्लिम नौजवानों को अहमदाबाद धमाके में फंसाए जाने का उल्लेख किया था. आपने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि सपा सरकार बनी तो उत्तर प्रदेश के जिन लड़कों को अन्य राज्यों में फर्जी मुल्जिम बनाया गया है उनको रिहा कराने का भी हम हर संभव प्रयास करेंगे.
महोदय एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद इस संबन्ध में कुछ नहीं हुआ. बल्कि 11 फरवरी 2013 को साबरमती जेल में प्रशासन ने इन बेकसूरों पर जेल में सुरंग खोदने का झूठा आरोप लगा दिया. पहले यह कहा गया कि सुरंग की लंबाई 18 फीट है और 20 दिन जाते-जाते सुरंग की लंबाई 220 फीट बताई जाने लगी. इन युवकों पर हास्यास्पद आरोप लगाया गया कि चम्मच, क़लम, दातून, थाली और लुंगी से यह सुरंग खोदी गई. यह आरोप तार्किक और वैज्ञानिक आधार पर मात्र हास्यास्पद ही नहीं है बल्कि असंभव भी है.
220 फीट लंबी सुरंग की मिट्टी कहां गई, मात्र एक तरफ से खुली इतनी लंबी सुरंग में आक्सीजन की आपूर्ती भी मुमकिन नहीं हो सकती. सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि हाई सेक्योरिटी जेल में 24 घंटे पहरे के बीच यह कैसे संभव हो सकता है.
महोदय, सुरंग की इस घटना के नाम पर हमारे बच्चों को अंडा सेल में डाल दिया गया है. क्राइम ब्रांच और एटीएस के लोगों ने रिमांड लेकर यातनाएं दी, बेगैर रोक-टोक खुफिया विभाग और विशेष बल के लोग जेल में जाकर शारीरिक और मानसिक यातनाएं देते हैं. इन युवकों पर जेल में विस्फोटक लाकर धमाका करने की साजिश रचने का आरोप लगा कर ऐसी धाराओं में मुकदमा कायम कर दिया गया है. जिससे उन्हें फांसी के तख्ते तक पहुंचा दिया जाए. परन्तु उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से कुछ न किए जाने पर हमें दुख है. जिस तरह से यातनाओं का दौर साबरमती जेल में चल रहा है उसमें कभी भी जेल में हमारे बेगुनाह भाई समेत अन्य युवकों की हत्या की जा सकती है. ऐसे में हम आपसे मांग करते हैं कि इस गंभीर मामले में आप तत्काल हस्तक्षेप करें, जैसा कि आपने हमसे चुनाव के वक्त वायदा भी किया था. हम इस ज्ञापन के माध्यम से आपको वो वादा याद दिलाते हुए आशा करते हैं कि आपकी सरकार इस विषय पर उचित क़दम उठाएगी.
दिनांक- 2 जून 2013
द्वारा-
अबू आमिर
पुत्र- अबुल जैश
ग्राम व पोस्ट- बारी खास
जनपद- आजमगढ़ उत्तर प्रदेश