India

पूर्वांचल को सांप्रदायिक हिंसा में झोंकने की सरकारी कोशिश

BeyondHeadlines News Desk

आज़मगढ़ : पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिकता का नंगा नाच खेलने वाली सांप्रदायिक तथा फासीवादी ताक़तों के निशाने पर अब पूर्वांचल का आज़मगढ़ जिला आ गया है. रविवार को जिले की देवगांव मस्जिद की दीवार पर हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता अशोक प्रजापति द्वारा पेशाब करने तथा इसी दिन हिन्दू युवा वाहिनी के अन्य कई कार्यकर्ताओं द्वारा सठियांव बाजार की मस्जिद में लगे लाउडस्पीकर को जबरन उतार कर, मस्जिद की दीवार पर जय श्री राम, जय बजरंग बली तथा अन्य सांप्रदायिक नारे जिस तरह से लिखे गये, उससे साफ हो जाता है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश का अमच चैन बिगाड़ने की साजिश बड़ी तेजी से परवान चढ़ रही है. सांप्रायिक ताक़तें जिसका आगाज़ आज़मगढ़ से करने की फिराक में हैं तथा पुलिस प्रशासन भी उनके मक़सद को पूरा करने में लगा हुआ है.

रिहाई मंच आजमगढ़ के नेता मसीहुद्दीन संजरी और तारिक शफीक ने कहा है कि पुलिस द्वारा जिले का अमन चैन बिगाड़ने वालों के खिलाफ उपयुक्त धाराओं में रिपोर्ट दर्ज न करना तथा अशोक प्रजापति द्वारा मस्जिद पर पेशाब करने के मामले को महज 151 में दर्ज करना यह दिखा रहा है कि पुलिस प्रशासन की भूमिका भी इन मामलों में बेहद संदिग्ध और सांप्रदायिक है. अशोक प्रजापति द्वारा दीपावली के समय भी ऐसी ही हरकतें की गयी थी. लेकिन तब भी पुलिस ने कुछ नही किया था. सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के दूसरे मामले में पुलिस ने मस्जिद के मुतवल्ली की तहरीर न लेकर अपने विवेक से जिस तरह से कार्यवायी की वह भी सवालों के गंभीर घेरे में आ जाती है. मस्जिद के गुंबद से लाउडस्पीकर उतारने की घटना में पुलिस द्वारा अजय प्रकाश पुत्र झिंगरी वर्मा, सुनील पुत्र कालका गुप्ता एवं एक मुस्लिम लड़के अनवर को भी जेल भेज दिया है.

सवाल यह है कि पुलिस ने तहरीर लेकर रिपोर्ट क्यों नही दर्ज की? क्या वह असल अपराधियों को बचाना चाह रही है ताकि वे खुले घूमते हुए पूरे जिले में सांप्रदायिकता फैला सकें. पुलिस की अपने विवेक से की गयी यह कार्यवायी सवालों के घेरे में हैं.

जिले में सांप्रदायिक सद्भाव को चोट पहुंचाने वाली घटनाओं में आ रही अचानक बढ़ोत्तरी के के बावत रिहाई मंच आज़मगढ़ के प्रभारी मसीहुद्दीन संजरी ने उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार पर सांप्रदायिक ताक़तों से मिले होने का आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों ही जगहों पर हिन्दू युवा वाहिनी के लोग एक सोची समझी रणनीति के तहत माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं और जिस तरह से इन मामलों में प्रशासन का लचर रवैया तथा उपयुक्त धाराओं में एफआईआर न लिखा जाना सामने आ रहा है वह इस बात की ओर इशारा है कि सरकार भी माहौल बिगाड़ने वालों के साथ खड़ी है. सरकार की सांप्रदायिक ताक़तों के खुलेआम संरक्षण को कतई स्वीकार नहीं किया जायेगा.

वहीं मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुएब का कहना है कि जिस तरह से आज़मगढ़ में हिंदू युवा वाहिनी के लोगों को सांप्रदायिकता फैलाने की छूट दी गई है इसी तरह सपा की पिछली मुलायम सरकार में भी मऊ से लेकर गोरखपुर, पडरौना, कुशीनगर समेत पूरे पूर्वांचल में मुलायम ने योगी के आतंकी संगठन हिंदू युवा वाहिनी को खुली छूट दे रखी थी.

Loading...

Most Popular

To Top

Enable BeyondHeadlines to raise the voice of marginalized

 

Donate now to support more ground reports and real journalism.

Donate Now

Subscribe to email alerts from BeyondHeadlines to recieve regular updates

[jetpack_subscription_form]