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अपने ही घर में 9 वर्षीय बच्ची बनी बंधुआ मजदूर, PVCHR की पहल पर हुई मुक्त

BeyondHeadlines News Desk

अपने ही घर में 9 वर्षीय बच्ची को बंधुआ बनाया गया. बच्ची को घर से बाहर जाने की आज़ादी नहीं थी और न ही उसे समय पर खाना दिया जाता था. यह मामला उत्तर प्रदेश के बरेली के रामगंगा गांव की है.

21 जनवरी, 2015 उत्तर प्रदेश के जिला बरेली से मानवाधिकार जननिगरानी समिति (PVCHR), क्वालिटी इंस्टीट्युशनल केयर एंड अल्टरनेटिव चिल्ड्रेन (QIC-AC) और समग्र विकास समिति के सहयोग से इस 9 वर्षीय नाबालिग बच्ची को बंधुआ मजदूरी से पुलिस के सहयोग से छापा मारकर मालिक के यहाँ से मुक्त कराया गया.

स्पष्ट रहे कि लगभग 1 माह पूर्व जिला बरेली से एक शख्स ने फोन पर यह सूचना दी कि उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के थाना प्रेमनगर अन्तर्गत निवासी सुहैब तथा जैनेब ने अपने घर में एक लगभग 9 वर्षीय बच्ची नाज़िया पुत्री ताज मोहम्मद निवासी अंगूरीटांडा, रामगंगा, बरेली को बंधुआ बनाकर घर का काम करवाते हैं. उस बच्ची को न तो ठीक से खाना दिया जाता है और न ही उसे किसी से मिलने या बाहर जाने की आजादी है और न ही वह पढ़ने जाती है.

उस शख्स ने किसी तरह बच्ची का फोटो खींच कर व मकान तक पहुंचने के रास्ते का नक्शा बनाकर ई-मेल करके इस केस में पैरवी कर बच्ची को मुक्त कराने का निवेदन किया साथ ही उस शख्स ने अपनी पहचान को जाहिर न करने का भी निवेदन किया है.

जिसके बाद इस केस की शिकायत उत्तर-प्रदेश राज्य बालक अधिकार संरक्षण आयोग को 14 जनवरी, 2015 को इस केस की डिटेल के साथ शिकायत किया गया. जिसके पश्चात उत्तर-प्रदेश राज्य बालक अधिकार संरक्षण आयोग ने इस केस को संज्ञान में लिया.

इसके बाद बच्ची को मुक्त करने हेतु एक टीम बनाई गयी, जिसमें मानवाधिकार जननिगरानी समिति (PVCHR) की श्रुति नागवंशी और अनूप कुमार श्रीवास्तव, क्वालिटी इंस्टीट्युशनल केयर एंड अल्टरनेटिव चिल्ड्रेन (QIC-AC) की विनिका करौली, ताहिर आदिल, और समग्र विकास समिति के राज कुमार शर्मा थे.

20 जनवरी, 2015 को उपरोक्त टीम के सभी सदस्य बरेली पहुंचे. एसडीएम (सदर) के आदेश के बाद प्रेमनगर थाने के थानाध्यक्ष महोदय से मुलाकात कर उन्हें केस के बारे में बात की गयी. पुलिस टीम के साथ हमारी रेस्क्यू टीम छापा मारने हेतु उपरोक्त मालिक के पते पर गयी और वहाँ हल्का विरोध के बाद वहाँ से बच्ची बरामद करके वापस थाना प्रेमनगर लाया गया और आश्चर्य की बात यह रही कि कुछ ही मिनट में वह मालिक भी थाने पर आ गया.

उक्त मालिक द्वारा लगातार यह प्रयास किया जा रहा था कि केस में कोइ कार्यवाही न हो और मामला ख़त्म हो जाए. उसके बाद बच्ची को लेकर पुलिस की टीम व हमलोग बाल कल्याण समिति बरेली के अध्यक्षा महोदय के घर गए. जिसके बाद बाल कल्याण समिति ने थाना प्रेमनगर को यह आदेश दिया कि बच्ची का मेडिकल परीक्षण कराकर बच्ची नाज़िया को बार्न बेबी फोल्ड, सिविल लाईन्स बरेली के सुपुर्द करने का आदेश दिया. इसके पश्चात बच्ची का जिला अस्पताल में मेडिकल परीक्षण के पश्चात वार्न बेबी फोल्ड में होम में बच्ची को दाखिल कराया गया.

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