BeyondHeadlines News Desk
लखनऊ : गोरखपुर में सपा विधायक राजमति निषाद के बेटे द्वारा अवैध पंचायत लगाकर प्रेमी युगल के मुंह पर कालिख पोतकर घुमाने, कुशीनगर में आगनबाड़ी कार्यकर्ता मीरा का दबंगों द्वारा बाल काटने, महराजगंज के डिप्टी जेलर डीएन गुप्ता द्वारा विदेशी महिला के साथ पिछले तीन महीने से बलात्कार, सपा नेता द्वारा सीतापुर में छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार, वाराणसी के सामने घाट की 14 वर्षीय दलित लड़की को पिछले एक महीने से मकान मालिक द्वारा अगवा करने के बावजूद स्थानीय थानेदार द्वारा मुक़दमा दर्ज न करने की घटनाएं पर लखनउ की सामाजिक संस्था रिहाई मंच ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ये घटनाएं साफ करती हैं कि प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं.
रिहाई मंच प्रवक्ता शाहनवाज़ आलम ने कहा कि प्रदेश सरकार महिलाओं की सुरक्षा कम विज्ञापन ज्यादा कर रही है, ठीक मोदी की तरह.
उन्होंने कहा कि जिस तरह से महिलाओं के उत्पीड़न में सपा के विधायक, नेता और सपा के चहेते नौकरशाह संलिप्त हैं, उसमें महिला हेल्प लाईन या फिर यूपी महिला सम्मान प्रकोष्ठ सिर्फ कागजों तक सीमित होकर रह गई है.
आगे रिहाई मंच नेता राजीव यादव ने कहा कि जिस तरीके से पिछले दिनों उन्नाव के एक पत्रकार ने जगेन्द्र के इंसाफ़ के लिए आत्मदाह करने की कोशिश की, उससे प्रदेश में इंसाफ़ के प्रति जनता में उपज रहे आक्रोश को समझा जा सकता है. अखिलेश यादव की इसी तरह किसानों के प्रति अदूरदर्शी नीति के चलते मार्च-अप्रैल महीने में 550 से अधिक किसानों की सूबे में आत्महत्या व दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है.
मंच सूबे में व्याप्त इस जंगल राज के खिलाफ़ आपातकाल की बरसी पर 25 जून, गुरूवार को शाम 4 बजे से गांधी प्रतिमा, जीपीओ हज़रतगंज, लखनऊ पर धरना देगा.