By Krishnakant Mishra
बेतिया (बिहार) : बिहार के दोमाठ गांव का बाला महतो राशन बेच कर शराब पी गया. जब उसकी पत्नी सावित्री को इस बात की जानकारी मिली तो वह पति के गले में गमछा लगा घर से बाहर लाई. सिर मुंडा और ग्रुप की अन्य महिलाओं के साथ मिलकर उसे पूरा गांव घुमाया.
दरअसल, बिहार के चम्पारण की जिस धरती से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अंग्रेजों को भगाने का संकल्प लिया था. उसी धरती की महिलाओं ने जिले को शराब मुक्त करने का बीड़ा उठाया है.
चम्पारण के बेतिया के सिठ्ठी व दोमाठ गांव से शुरू हुई यह मुहिम अब नरकटियागंज के दर्जनभर गांवों तक पहुंच गई है. मुहिम से जुड़ी महिलाएं इन गांवों में पूर्ण शराब बंदी करने का संकल्प लेकर शराबियों के सामने चुनौती बनकर खड़ी हुई है. हर रविवार को बैठक कर रणनीति तैयार करती है और गांव के डेवल्प्मेंट पर बातचीत भी.
शराब पीकर आने वाले से पांच सौ फाइन वसूला जाता है और फाइन के पैसे महिला संघ के खाते में जमा किया जाता है.
नेपाल बार्डर से सटे सिठ्ठी और दोमाठ पंचायत से क़रीब चार माह पहले महिलाओं ने मुहिम छेड़ी. कमान दोमाठ की मुखिया सुषमा देवी, सरपंच रामप्रभा देवी, जीविका की प्रेसिडेंट नंदा देवी, सचिव सुनैना देवी, संतोषी देवी, रेणु देवी, प्रेमा देवी, रंजू देवी आदि महिलाओं ने किया.
पुलिस भी करती है सहयोग
ग्रुप से जुड़ी महिलाएं अपने शराबी पति पर भी 100 प्रतिशत नियम लागू करती हैं. गवर्नमेंट भी इन महिलाओं की मुहिम में हर संभव हेल्प करता है. यह अभियान महायोगिनी, कैरी, बलबल, जमुनिया, बेलाह, घेघवलिया, विजयपुर व अन्य गांवों तक पहुंच चुका है.
हर रविवार को बनती है रणनीति
दोमाठ पंचायत के महावीरी अखाड़ा ग्राउंड में हर रविवार को महिलाओं की बैठक होती है. इस बैठक में शराब बंदी की मुहिम चलाए जाने वाले गांवों की महिलाएं भी शामिल होती हैं. बैठक में शराब बंदी और गांव के विकास पर विचार-विमर्श किया जाता है. साथ ही अन्य गांवों तक इसे ले जाने की रणनीति भी तैयार की जाती है.