नजीब जंग का लॉन टेनिस : 2.11 करोड़ आया बिजली का बिल!

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Afroz Alam Sahil for BeyondHeadlines

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के घर के बिजली खर्च के बाद अब सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी ‘जामिया मिल्लिया इस्लामिया’ का स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स के बिजली खर्च ने जामिया बिरादरी में हलचल पैदा कर दिया है.

आरटीआई कार्यकर्ता सैय्यद अनवर क़ैफ़ी को आरटीआई के ज़रिए जामिया मिल्लिया इस्लामिया से हासिल महत्वपूर्ण दस्तावेज़ बताते हैं कि यूनिवर्सिटी ने भोपाल ग्राउंड के नाम से मशहूर अपने स्पोर्ट्स कॉम्पेलक्स पर पिछले तीन सालों में 2.11 करोड़ रुपये बिजली पर खर्च किया है.

साल 2012-13 में बिजली का बिल 65.97 लाख था, तो वहीं साल 2013-14 में 96.11 लाख रूपये बिजली पर खर्च किया गया. वहीं 2014-15 में यह खर्च 49.74 लाख रुपये था.

छात्रों का आरोप है कि बिजली का इतना अधिक बिल दरअसल जामिया के पूर्व वाईस चांसलर व तत्कालीन लेफ्टीनेंट गवर्नर नजीब जंग की वजह से आया है. क्योंकि छात्रों को रात में कुछ भी खेलने की इजाज़त नहीं है. नजीब जंग साहब ही हर रात इस ग्राउंड में लॉन टेनिस खेलने आते थे, जिनके लिए ग्राउंड की तमाम लाईट्स को जलाया जाता था.

वहीं जामिया के ही एक स्पोर्ट्स टीचर नाम न प्रकाशित करने पर शर्त पर बताते हैं कि नजीब जंग लेफ्टिनेन्ट गवर्नर बनने के बाद भी इस ग्राउंड में खेलने आते रहे हैं. वो बताते हैं कि नजीब जंग खेलने से पहले अपने कुत्ते के साथ पहले पूरे ग्राउंड में काफी देर तक टहलते थे, फिर लॉन टेनिस खेला करते थे.

बात-बात में वो इस बात का भी ज़िक्र करते हैं कि कॉमनवेल्थ गेम्स के समय इस ग्राउंड में इंटरनेशनल लेबल का टेनिस लॉन बनाया गया था. नजीब जंग इस लॉन पर खेल नहीं पाते थे, क्योंकि बॉल बहुत तेज़ गुज़रती थी. इस समस्या से परेशान नजीब जंग ने इस लॉन पर कोटिंग करवा दी, जिससे लॉन स्लो हो गया. इस काम पर तकरीबन 21 लाख का खर्चा आया था.

वो यह भी बताते हैं कि इसका सबसे अधिक नुक़सान यहां के छात्रों को हुआ. नजीब जंग साहब की वजह से जामिया के छात्र अब स्लो लॉन पर खेल रहे हैं, वे एक इंटरनेशलन टेनिस लॉन से महरूम रह गए.

आरटीआई से हासिल दस्तावेज़ यह भी बताते हैं कि इस स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स से जामिया को आमदनी कम और खर्च दुगुना से भी अधिक हुआ है, यानी आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया…

दस्तावेज़ बताते हैं कि पिछले तीन साल में कुल आमदनी 91.40 लाख रूपये हुआ, जबकि ग्राउंड के मेंटेनेंस पर खर्च सिर्फ 34.44 लाख रूपये रहा. बाकी 2.11 करोड़ रुपये का खर्च सिर्फ बिजली पर आया.

आरटीआई कार्यकर्ता अनवर क़ैफ़ी बताते हैं कि जामिया में एक तरफ़ स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स के बिजली पर इतना खर्च किया जा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ़ जामिया को फंड राईजिंग के लिए फीस में ज़बरदस्त बढ़ोत्तरी करनी पड़ रही है. और इसके बाद भी यहां के छात्रों को कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है.

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