BeyondHeadlines News Desk
लखनऊ : रिहाई मंच अध्यक्ष ने आज जारी अपने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि अजमेर दरगाह विस्फोट और समझौता एक्सप्रेस विस्फोट के आरोपियों का अपने बयानों से पलटने की ख़बर आना आश्चर्यजनक नहीं है. यह साबित करता है कि मुम्बई में इन मामलों में पब्लिक प्रोसिक्यूटर रहीं रोहिनी सैलियन का आरोप बिल्कुल सही है कि एनआईए हिंदुत्ववादी आतंकियों के बरी होने का खाका बना चुका है.
उन्होंने कहा कि अजमेर दरगाह विस्फोट के 15 मुख्य गवाहों में से 14 का पलट जाना, जिनमें से कि सभी संघ परिवार से जुड़े हैं और जिनमें से एक झारखंड सरकार में मंत्री भी है और समझौता एक्सप्रेस के संघ परिवार से जुड़े तीन आरोपियों का अपने पूर्व बयानों से मुकर जाना साबित करता है कि इन सभी मामलों में एनआईए हिंदुत्ववादी आरोपियों को छुड़ा ले जाने की योजना में काफी हद तक सफल हो चुका है.
उन्होंने कहा कि इंसाफ के इस क़त्ल पर सुप्रीम कोर्ट को स्वतः संज्ञान लेना चाहिए ताकि न्याय व्यवस्था में लोगों का बचा खुचा यकीन बच सके.